गर्मी में बिजली की किल्लत से ऐसे मिलेगा छुटकारा नई दिल्ली. गर्मी के साथ ही देश के कई क्षेत्रों में बिजली भी परेशान करने लगेगी. इसका उपाय लेकर आए हैं दो भाई अमोल और अमोद. इस पर खर्चा भी कम और बचत भी ज्यादा. साथ ही बिजनेस का भी मौका मिलेगा अलग से. सौर ऊर्जा (Solar Energy) बिजली के विकल्प के रूप में इस्तेमाल की जाने लगी है. इसका इस्तेमाल भी जोर पकड़ रहा है. इतना ही नहीं इससे प्रदूषण का भी झंझट नहीं, क्योंकि इसमें कोयले का कोई काम नहीं है. इसका सीधा असर पर्यावरण पर भी पड़ता है. लूम सोलर (Loom Solar) के कोफाउंडर अमोल आनंद का कहना है कि उन्होंने ऐसे प्रोडक्ट बनाये हैं, जिनसे घर में इनके इस्तेमाल में ज्यादा फायदा मिले. उनके पास 10 वाट से लेकर 400 वाट के सुपर हाई एफिशिएंसी पैनल की बड़ी रेंज है. ये कम जगह पर ज्यादा पॉवर पैदा करते हैं. साथ ही कम रोशनी में भी काम करते हैं.
अगर आप बिजली विभाग से बिल्कुल भी बिजली नहीं लेना चाहते हैं तो 440 वाट के दो शार्क पैनल आपके पूरे घर का लोड उठा सकते हैं. फरीदाबाद स्थित कंपनी के कोफाउंडर अमोद आनंद का कहना है कि भारत ने वर्ष 2030 तक गैर जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 40 फीसदी बिजली पैदा करने का लक्ष्य रखा है. देश में मेक इन इंडिया के तहत सोलर पैनल्स को बढ़ावा दिया जा रहा है. International Renewable Energy Agency के अनुसार, एक साल में पूरी दुनिया में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में 1 करोड़ से ज्यादा नौकरियां पैदा हुई हैं. कोई भी शख्स कंपनी से जुड़कर डीलर के तौर पर बिजनेस शुरू कर सकता है.
या फिर डिस्ट्रीब्यूटर बनकर भी जुड़ सकता है. प्रत्येक शहर में उनका एक डिस्ट्रीब्यूटर है. इसके लिए शुरुआती निवेश भी कम है. बैंक भी फाइनेंस करते हैं. इससे माह में 30 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक की कमाई हो सकती है. लूम सोलर "hybrid solar system" पर काम करती है जिससे ग्राहको का हाइब्रिड सोलर सिस्टम लगाने के बाद बिजली का बिल तो कम आता ही हैं, साथ ही वो बची हुई बिजली को Electricity department को supply करके भी कमाई कर सकते है| साथ ही लूम सोलर "off Grid solar system" भी प्रवाइड करती है जिससे ग्राहक का बिजली का बिल कम आने के साथ वो power backup भी रख सकते हैं ओर बची हुई बिजली का उपयोग आने वाले दिन में अपने अनुसार कर सकते हैं. क्या है सोलर पैनल (solar panel) सौर ऊर्जा में कोई प्रदूषण नहीं होता है. यह सूर्य की रोशनी पर आधारित है. सूर्य की किरणों से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग करते हैं. यह सिलिकॉन से बना होता है, जो सेमी कंडक्टर होता है.
जब धूप सोलर पैनल पर पड़ती है तो फोटॉन की ऊर्जा ऑब्जर्व हो जाती है और पैनल में मौजूद इलेक्ट्रॉन सक्रिय हो जाते हैं. इससे पॉवर पैदा होती है. इसके साथ में एक सोलर बैटरी (solar battery) आती है, जो इसे करंट में बदल देती है. सोलर बैटरी के अंदर दो प्रकार की बैटरी आती हैं. इनमें एक लीथियम आयन बैटरी होती है, जबकि दूसरी लीड एसिड बैटरी होती है. कंपनी लीथियम बैटरी का भी उत्पादन करती है. इसका मेंटेनेंस जीरो होता है. साथ ही चार्जिंग भी जल्दी होती है.
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