हम सभी को पता है कि हमें आज़ादी कितनी मुश्किल से मिली है. अंग्रेज़ों को भारत से भगाने के लिए देश के सभी लोगों ने मेहनत की है, जुल्म सहा है. कई कुर्बानियों के बाद हम आज गणतंत्र दिवस मना रहे हैं. हम बचपन से ही अंग्रेजों के जुल्म के बारे में सुनते आ रहे हैं. मगर आज तमाम बाधाओं को पार कर हम विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक गणराज्य बने हुए हैं. आज हम आज़ादी से अपनी बात कह रहे हैं, कहीं भी आ जा रहे हैं. देश में कहीं भी रह रहे हैं, मगर एक समय ऐसा भी था जब हमें अंग्रेजों के सामने बैठने के लिए परमिशन लेनी पड़ती थी. अंग्रेज हमें बैठने के लिए एक सर्टिफिकेट देते थे. उस सर्टिफिकेट को हमें दिखाना पड़ता था, फिर हम बैठते थे.
ट्वीट देखें
आज़ादी अनमोल है, ये सबक़ हम सभी को याद रहे 🙏🏼 pic.twitter.com/mvntlR3hqR
— Raja Bhaiya (@Raghuraj_Bhadri) January 29, 2022
इस सर्टिफिकेट को यूपी के नेता राजा भैया ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है. उन्होंने इस ट्वीट के साथ एक कैप्शन भी लिखा है. कैप्शन में उन्होंने लिखा है- आज़ादी अनमोल है, ये सबक़ हम सभी को याद रहे.
देखा जाए तो आज़ादी हमारे लिए बहुत ही ज़्यादा ज़रूरी है. इस आज़ादी के लिए हमारे पूर्वजों ने काफी संघर्ष किया है. सोचिए, हमें बैठने के लिए सर्टिफिकेट बनवाना पड़ता था. इस ट्वीट को देश के मशहूर उद्योपति हर्ष गोयनका ने भी 13 अगस्त 2022 को शेयर किया था.
ट्वीट देखें
In the pre-independence days, Indians were not allowed to sit on the chair while waiting for a British official unless he had this certificate.
— Harsh Goenka (@hvgoenka) August 13, 2022
Do reflect……those who take our independence for granted! pic.twitter.com/gAXiRebMCo
इस सर्टिफिकेट में लिखा है- In the pre-independence days, Indians were not allowed to sit on the chair while waiting for a British official unless he had this certificate. Do reflect……those who take our independence for granted!
मतलब ये है कि आज़ादी से पहले, भारतीयों को ब्रिटिश अधिकारियों के समक्ष बैठने की इज़ाजत नहीं थी. बैठने के लिए सर्टिफिकेट बनवाना पड़ता था. आज़ादी के महत्व को समझिए.
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