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सालाना कमाई 60 लाख रु, फिर भी चवन्नी-अठन्नी का हिसाब रखता है ये मैरिड कपल, खुद उठाता है अपना-अपना खर्चा

पोस्ट में उन्होंने इस कपल की जानकारी को गुप्त रखा है, मगर इस बात की आलोचना है कि संयुक्त रूप से सालाना 60 लाख रुपये कमाने वाला यह कपल कैसे एक-एक रुपये तक खर्च पर्सनली करता हैं.

सालाना कमाई 60 लाख रु, फिर भी चवन्नी-अठन्नी का हिसाब रखता है ये मैरिड कपल, खुद उठाता है अपना-अपना खर्चा
सालाना 60 लाख की कमाई लेकिन पाई-पाई का हिसाब करता है ये कपल

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट ने सबको चौंका दिया है, जिसमें बताया जा रहा है कि एक मैरिड कपल मोटी सैलरी कमाने के बाद भी अपना-अपना खर्च खुद उठा रहा है. यह दोनों एक ही घर में फ्लैटमेट की तरह रहे हैं. इस पोस्ट को दिल्ली बेस्ड फाउंडर आयुष्मान कपूर ने अपने लिंक्डइन अकाउंट पर शेयर किया है. रिलेशनशिप वेंचर 'द डेट क्रू' के फाउंडर खुद इस बात से हैरान है कि कैसे कोई कपल इस पोजीशन पर ऐसा कर सकता है. लिंक्डइन पर यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है और लोग भी इस पर शॉकिंग प्रतिक्रिया दे रहे हैं. हालांकि अपने पोस्ट में उन्होंने इस कपल की जानकारी को गुप्त रखा है, मगर इस बात की आलोचना है कि संयुक्त रूप से सालाना 60 लाख रुपये कमाने वाला यह कपल कैसे एक-एक रुपये तक खर्च पर्सनली करता हैं.

महीने के 30-30 लाख रुपये कमाता है कपल ( Married Couple Splitting Bills)

उन्होंने अपने पोस्ट में बताया, गुरुग्राम में यह कपल रहता है, अच्छी कंपनी में काम करता है और पति-पत्नी दोनों ही महीने के 30-30 लाख रुपये कमाते हैं, लेकिन घर के एक-एक खर्चे के लिए गूगल शीट बनाई हुई है, जिसमें किराया, ग्रॉसरी, फ्यूल, स्विगी, बिजली और भी बाकी खर्चों का हिसाब-किताब है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि कपल अपनी एक-एक चीज का खर्चा पर्सनली उठाता है, ठीक उसी तरह जैसे फ्लैटमेट करते हैं. रेडिट यूजर और 'द डेट क्रू' के फाउंडर कपल की इस बात से हक्का-बक्का रह गए हैं.

फाउंडर ने इसके बाद यह बताया कि मैरिज को सफल बनाने के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग कितनी जरुरी है. उन्होंने आगे लिखा है, 'जब आप किसी से शादी करते हैं, तो आप असल में एक कंपनी के सह-संस्थापक होते हैं और वह कंपनी... आपका जीवन है, तो कल्पना कीजिए कि अगर दोनों सह-संस्थापकों के लक्ष्य, खर्च और प्राथमिकताएं अलग-अलग होंगी, तो कितनी दिक्कत हो सकती है, क्या वो कभी सफल हो पाएगी? लेकिन वह यह भी कहते हैं कि शादी केवल इमोशनल सपोर्ट ही नहीं, बल्कि फाइनेंशियल बैलेंस भी है.

लोगों को कमेंट्स  (Users Comment on Couple)
इस पर यूजर भी हैरान हैं और एक यूजर ने लिखा है, 'मैं तो सहमत हूं, लेकिन क्या आपको नहीं लगता कि स्प्लिटवाइज या शीट्स जैसे सिस्टम से स्पष्टता और पारदर्शिता बढ़ेगी? सच कहूं तो, आम तौर पर पैसों पर डिस्कस करना मुश्किल हो जाता है, क्या इससे समस्या पूरी तरह हल नहीं हो जाएगी?. दूसरा यूजर लिखता है, 'शादी में खर्चों को बांटना उचित है, जब तक कि बचत और निवेश लक्ष्यों के बारे में एक क्लियर संयुक्त योजना हो'. तीसरा यूजर लिखता है, 'मैं हमेशा हैरान हो जाता हूं, जब मैरिड कपल को किराया शेयर करने, खर्चा बांटने, एक-दूसरे से पैसे उधार लेने के बारे में बात करते हुए सुनता हूं, मैं समझता हूं कि दुर्भाग्यपूर्ण अलगाव की स्थिति में बड़े पैसे के मामलों को स्पष्ट रूप से ध्यान में रखा जाता है, लेकिन अगर दोनों को अच्छी सैलरी मिल रही है, तो कुछ हजार या कुछ लाख रुपये मायने नहीं रखते है, इससे पता चलता है कि दोनों में विश्वास, प्यार और सम्मान की कितनी कमी है.

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