पेशे से ऑटो ड्राइवर...जुबां पर फर्राटेदार अंग्रेजी और दिन-भर पसीना बहाकर लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाना. ये हैं बेंगलुरु के Pataabi Raman. 74 साल की उम्र में भले ही शरीर बुढ़ापे की ओर ढलता जा रहा है, लेकिन इनके इरादे और हिम्मत वक्त के साथ और भी दृढ़ होते जा रहे हैं, जिनके बारे में जानकर शायद आप भी दंग रह जाएं. सोशल मीडिया पर इन दिनों इनकी दी जा रही मिसाल से युवा ये लेकर बुजुर्ग हर कोई प्रभावित हो रहा है. इंटरनेट पर इन दिनों इनसे जुड़ा एक पोस्ट खूब सुर्खियां बटोर रहा है, जिसे पढ़कर हर कोई हैरान है.
यहां देखें वायरल पोस्ट
सोशल मीडिया पर अक्सर लोग एक से बढ़कर एक पोस्ट शेयर करते हैं, जो कई बार काफी दिलचस्प होते हैं, तो कभी हर किसी को दंग कर देते हैं. हाल ही में एक ऐसा ही पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसे पढ़कर आपका सिर भी घूम जाएगा, जब आपको पता चलेगा कि एक कॉलेज रिटायर्ड लेक्चरर आज एक ऑटो रिक्शा चला रहा है, सुनकर शायद आपको भी अपने कानों पर यकीन ना हो, लेकिन यह सच है. 74 साल का एक ऐसा ऑटो ड्राइवर, जो फर्राटेदार इंग्लिश में बात कर हर किसी को दंग कर रहा है.
निकिता अय्यर ने हुनरमंद के कौशल की तरफ दुनिया का ध्यान आकर्षित करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media Platforms) लिंक्डइन (LinkedIn) पर एक पोस्ट शेयर (Post) किया है, जिसमें उन्होंने 74 साल के Pataabi Raman का जिक्र किया है. निकिता अपने पोस्ट में बता रही हैं कि बेंगलुरु में उन्हें एक ऐसे ऑटो रिक्शा चालक मिले, जो फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं, जिन्हें सुनकर वो भी हैरान रह गईं. निकिता बताती हैं कि वो 45 मिनट, जिसमें उन्होंने Pataabi Raman के जीवन से जुड़े, उन खास सुनहरे पलों के बारे में जानने का मौका मिला, जिन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से अब कई लोग जान पा रहे हैं.
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सोशल मीडिया पर वायरल अपनी एक पोस्ट में निकिता अय्यर ने बताया कि वे ऑफिस के लिए लेट हो चुकी थी, तब Pataabi Raman ने उनसे पूछा कि उन्हें कहां जाना है. उन्होंने बताया कि उन्हें एक शहर के दूसरे छोर पर अपने कार्यालय तक पहुंचना है और वह पहले ही काफी लेट हो चुकी हैं, जिस पर Pataabi Raman ने उन्हें अंग्रेजी में जवाब दिया, जिसे सुनकर वह आश्चर्यचकित थीं.
निकिता ने बताया कि मुझे ऑफिस पहुंचने में 45 मिनट का समय लगा, इस बीच मैंने उनसे पूछा कि आखिर वे इतनी अच्छी अंग्रेजी कैसे बोल लेते हैं, जिस पर Pataabi Raman ने बताया कि वह मुंबई (Mumbai college) के एक कॉलेज में एक अंग्रेजी व्याख्याता (English lecturer) हुआ करते थे. उन्होंने MA और MEd किया है. आगे Pataabi Raman ने कहा कि अब आप पूछना चाहती होगी कि आखिर में ऑटो क्यों चला रहा हूं ? उन्होंने विस्तार से बताया कि वे पिछले 14 सालों से ऑटो चला रहे हैं, जब से वे कॉलेज लेक्चरर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. उन्होंने आगे बताया कि मुंबई में एक व्याख्याता के रूप में काम किया, क्योंकि उन्हें कर्नाटक में कोई नौकरी नहीं मिली. उन्होंने बताया कि उनसे सिर्फ 'जाति' पूछी जाती थी, कर्नाटक के कॉलेजों से मिली इस प्रतिक्रिया से तंग आकर वे महाराष्ट्र के मुंबई चले गए, जहां उन्हें एक प्रतिष्ठित कॉलेज में नौकरी मिल गई.
60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने से पहले उन्होंने पवई के एक कॉलेज में 20 साल तक काम किया और कर्नाटक के बेंगलुरु वापस चले गए. उन्होंने हंसते हुए बताया कि शिक्षकों को अच्छी तरह से भुगतान नहीं मिलता है. आप अधिकतम 10 से15,000/- कमा सकते हैं और एक एक निजी संस्थान था, इसलिए मुझे पेंशन नहीं है. रिक्शा चलाने से मुझे कम से कम 700 से 1500/- एक दिन में मिल जाता है. मेरे और मेरी 'प्रेमिका' के लिए ये पर्याप्त है. 'प्रेमिका' शब्द पर हंसते हुए उन्होंने बताया कि वे अपनी पत्नी को अपनी प्रेमिका कहते हैं. उन्होंने आगे बताया कि उनका बेटा है, जो किराए का भुगतान करने में उनकी मदद करता है. उन्होंने बताया कि हम बच्चों पर निर्भर नहीं हैं. वे अपना जीवन जीते हैं और हम खुशी-खुशी अपनी जिंदगी जी रहे हैं.
निकिता अय्यर ने Pataabi Raman की प्रशंसा के साथ अपना पोस्ट खत्म करते हुए लिखा कि, 'जीवन से कोई शिकायत नहीं. कोई पछतावा नहीं. इन छिपे हुए नायकों से बहुत कुछ सीखना है.' इस पोस्ट को अब तक 72,000 से अधिक लोग लाइक और 2,300 से अधिक शेयर कर चुके हैं.
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