दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक दंपति को अनूठी सजा सुनाई है. दरअसल, कोर्ट ने दंपति के खिलाफ नाबालिग को काम पर रखने के लिए दर्ज एफआईआर तो रद्द कर दी, लेकिन उन्हें 100 पौधे लगाने और पीड़ित को 1.5 लाख रुपए देने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने मामले में संलिप्त अन्य दो लोगों को पौधे लगाने के काम में श्रमदान देने तथा पौधों की देखभाल करने का निर्देश दिया. ये दोनों एजेंट हैं, जिन्होंने नाबालिग बच्ची को दंपति के यहां नौकरी पर लगाया था. अदालत ने दंपति पर 1.5 लाख रुपए और दोनों एजेंट 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए यह राशि नाबालिग को देने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि इन परिस्थितियों में, प्राथमिकी तथा इससे जुड़ी सभी कार्यवाहियां रद्द की जाती हैं.
कोर्ट की अवमानना केस: CBI के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को SC ने दी अनोखी सजा, 10 बड़ी बातें
आपको बता दें कि पिछले दिनों बिहार शेल्टर होम (Bihar Shelter Home Rape Case) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के अवमानना का सामना कर रहे सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव (Nageswara Rao) को भी कोर्ट ने अनोखी सजा सुनाई और उन्हें दिन भर के लिए कोर्ट के एक कोने में बैठने की सजा दी. इसके बाद अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से जाकर आग्रह किया कि CBI के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने काफी सज़ा भुगत ली है, अब उन्हें जाने दिया जाए. कोर्ट ने कहा, 'यह आपका दंड है...आपसे कहा गया है, कोर्ट उठने तक बैठे रहें...क्या आप चाहते हैं कि हम कल कोर्ट उठने तक आपकी सज़ा बढ़ा दें...?" कोर्ट के सख्त रुख के बाद नागेश्वर राव और भासुरन चुपचाप अपनी सीट पर आकर बैठ गए. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट के स्थगित होने बाद नागेश्वर राव सजा पूरी करके कोर्ट से बाहर निकल गए. (इनपुट-भाषा)
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VIDEO: नागेश्वर राव को कोर्ट चलने तक एक कोने में बैठने की सजा
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