
दिल्ली के एक रेस्टोरेंट (Delhi Restaurant) में हुए विवाद को लेकर लोगों के बीच बहस छिड़ गई है. जब एक कपल ने आरोप लगाया कि इंडियन ट्रेडिशनल आउटफिट पहनने की वजह से उन्हें एंट्री नहीं दी गई. यह घटना 3 अगस्त को पीतमपुरा मेट्रो स्टेशन के पास स्थित Tubata में हुई. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में, महिला चूड़ीदार और कुर्ता पहने हुए दिखाई दे रही है, जबकि उसके साथी ने टी-शर्ट और पैंट पहनी हुई है. दोनों ने दावा किया कि उन्हें उनके पहनावे की वजह से एंट्री गेट पर रोका गया था.
वीडियो में कपल ने आरोप लगाया, "यह हमारा आउटफिट था, लेकिन उन्होंने हमें रोक दिया. बाकी लोगों को भी कम कपड़ों में अंदर जाने दिया गया. मैनेजर ने दुर्व्यवहार किया और भारतीय संस्कृति का अपमान किया." वीडियो रिकॉर्ड कर रहे शख्स को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "क्या भारतीय कपड़े पहनना हमारी संस्कृति के खिलाफ है? क्या उनके कपड़े अनुचित हैं? अगर ऐसे रेस्टोरेंट हमारी संस्कृति के खिलाफ हैं तो उन्हें तुरंत बंद कर देना चाहिए."
देखें Video:
See what is happening in Delhi restaurant Tubata in Pitampura. A couple was denied entry and not allowed to enter just because they were wearing Indian attire! pic.twitter.com/xCw5bFw0Zb
— Rosy (@rose_k01) August 8, 2025
यह क्लिप एक्स यूजर रोज़ी ने पोस्ट की थी, जिन्होंने लिखा: "देखिए, पीतमपुरा स्थित दिल्ली के रेस्टोरेंट टुबाटा में क्या हो रहा है. एक कपल को सिर्फ़ इसलिए एंट्री नहीं दी गई क्योंकि उन्होंने भारतीय पोशाक पहनी हुई थी!" हालांकि, टुबाटा के मालिक नीरज अग्रवाल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रेस्टोरेंट में लोगों का स्वागत किया जाता है, चाहे उन्होंने इंडियन या वेस्टर्न आउटफिट पहनी हो.
उन्होंने कहा, "यह एक नया रेस्टोरेंट है, इसलिए यहां काफ़ी इंतज़ार करना पड़ता है, लगभग एक से डेढ़ घंटे तक. उस दिन भी यही स्थिति थी. वह रविवार था, फ्रेंडशिप डे. शायद उन्हें बुरा लगा होगा क्योंकि उन्हें इंतज़ार करना पड़ा. यहां ड्रेस कोड जैसा कुछ नहीं है. हमने किसी को भी अंदर आने से मना नहीं किया."
उन्होंने आगे कहा, "हमारी बस एक ही शर्त है: बुकिंग कराकर आइए ताकि किसी को कोई असुविधा न हो. रेस्टोरेंट पिछले 15 दिनों से पूरी क्षमता से चल रहा है. मैं क्या कर सकता हूं? लोग यहां आ रहे हैं. हम अच्छा खाना और अच्छी सर्विस देते हैं. हमारे यहां अनुभवी कर्मचारी हैं. सब कुछ बहुत अच्छा है."
हालांकि, इस वीडियो की कुछ यूज़र्स ने कड़ी आलोचना की, जिन्हें लगा कि यह कृत्य भारतीय संस्कृति के प्रति भेदभावपूर्ण और अपमानजनक है, लेकिन इसने एक्स के बारे में भी अलग-अलग राय पैदा कर दी. एक यूज़र ने लिखा: "हमें हर बात को मुद्दा बनाना बंद करके समझदार बनना होगा. यह एक निजी रेस्टोरेंट है और उन्हें यह तय करने का पूरा अधिकार है कि कौन अंदर आएगा और क्या पहनेगा. यह सार्वजनिक संपत्ति नहीं है." एक ने कहा, "अगर ऐसा विदेश में होता, तो हम इसे नस्लवाद कहते. यहां तो यह सिर्फ़ ड्रेस कोड पॉलिसी है. आत्म-घृणा सबसे भद्दा फ़ैशन ट्रेंड है."
एक यूज़र ने कहा, "शाबाश, यह सरकारी संपत्ति नहीं है. यह निजी है. सभी रेस्टोरेंट में 'प्रवेश अधिकार सुरक्षित' हैं. शोहरत के लिए हंगामा मत करो. बस कहीं और चले जाओ." कुछ यूज़र ने अपने निजी अनुभव साझा किए: "मुझे एक बार बेंगलुरु के एक पब में इसलिए प्रवेश नहीं दिया गया क्योंकि मैंने फ़ॉर्मल कपड़े नहीं पहने थे. इससे लड़ने का कोई मतलब नहीं है. बस पहले से ही ड्रेस कोड जान लो." हालांकि, कुछ लोगों को यह स्थिति परेशान करने वाली लगी. "हम अपने ही देश में अजनबी हैं."
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