Bryan Johnson immortality claim: अमेरिका के टेक बिजनेसमैन और बायोहैकर ब्रायन जॉनसन (Bryan Johnson) एक बार फिर सुर्खियों में हैं. जॉनसन का दावा है कि वे साल 2039 तक अमरता (immortality) के करीब पहुंच जाएंगे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की गई उनकी पोस्ट ने पूरी दुनिया में बहस छेड़ दी है कि क्या इंसान सच में मौत को चुनौती दे सकता है? हर साल करोड़ों खर्च, AI की मदद और शरीर पर लगातार प्रयोग...यह कहानी साइंस फिक्शन नहीं, बल्कि भविष्य की झलक हो सकती है.
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अमरता का दावा और दुनिया की उत्सुकता (Anti-Ageing Influencer)
48 साल के ब्रायन जॉनसन का कहना है कि उनकी बायोलॉजिकल उम्र (biological age) पिछले एक साल में नहीं बढ़ी है. यह दावा अपने आप में मेडिकल साइंस के लिए बड़ा संकेत माना जा रहा है. जॉनसन के मुताबिक, उनका लक्ष्य समय को रोकना नहीं, बल्कि शरीर को बूढ़ा होने से रोकना है.
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हर साल 17 करोड़ रुपये सिर्फ एंटी-एजिंग पर (Spending Crores on Anti-Aging Lifestyle)
ब्रायन जॉनसन हर साल करीब 2 मिलियन डॉलर (लगभग 17 करोड़ रुपये) अपनी सेहत और anti-aging lifestyle पर खर्च करते हैं. इसमें हाई-टेक मेडिकल टेस्ट, विशेष डाइट, एक्सरसाइज रूटीन, सप्लीमेंट्स और अत्याधुनिक थेरेपी शामिल हैं. वे पिछले 6 सालों से अपने शरीर पर वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं. उनके शरीर के हर अंग की अलग-अलग जैविक उम्र मापी जाती है. दिल, फेफड़े, मांसपेशियां, हार्मोन सिस्टम और यहां तक कि त्वचा भी. जॉनसन का दावा है कि कई पैमानों पर उनका शरीर आज भी 18 साल के युवा जैसा काम कर रहा है.
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अमरता कोई 'चमत्कार' नहीं, साइंस है (Bryan Johnson immortality)
ब्रायन जॉनसन का मानना है कि अमरता कोई 'चमत्कार' नहीं, बल्कि बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग (Biological Engineering) की समस्या है. उनका तर्क है कि प्रकृति पहले ही इस रहस्य को सुलझा चुकी है. वे उदाहरण देते हैं:-
- फ्रेशवॉटर हाइड्रा, जो कभी बूढ़ी नहीं होती.
- इम्मॉर्टल जेलीफिश, जो अपनी उम्र को फिर से शुरू कर सकती है.
- लॉब्स्टर, जिनकी कोशिकाएं उम्र के साथ कमजोर नहीं पड़तीं.
- जॉनसन कहते हैं, 'अगर प्रकृति यह कर सकती है, तो इंसान सही तकनीक और रिसर्च से इसे दोहरा सकता है.'
I'm going to try and achieve immortality by 2039.
— Bryan Johnson (@bryan_johnson) December 16, 2025
One year of time passes and I remain the same biological age.
I invite you to join me.
The search for the fountain of youth is the oldest story ever told. It's been the dream of dreamers for millennia but always painfully out… pic.twitter.com/BwrU1ckOi6
AI और लैब में तैयार हो रहे अंगों के क्लोन (AI and Lab-Grown Organ Clones)
इस पूरे मिशन में Artificial Intelligence (AI) सबसे अहम भूमिका निभा रहा है. ब्रायन जॉनसन लैब में अपने अंगों के क्लोन तैयार करवा रहे हैं, ताकि नई दवाओं और थेरेपी का परीक्षण पहले क्लोन पर किया जा सके, न कि सीधे शरीर पर. उनका कहना है कि मौजूदा एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स में कैंसर जैसे जोखिम भी होते हैं, इसलिए क्लोन ऑर्गन्स पर टेस्टिंग भविष्य की दवा को ज्यादा सुरक्षित बना सकती है. AI की मदद से रिसर्च और इलाज की रफ्तार कई गुना तेज हो गई है.
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2039 ही क्यों है लक्ष्य? (Why 2039 Is the Target Year)
ब्रायन जॉनसन ने 2039 का लक्ष्य इसलिए चुना है क्योंकि उनके मुताबिक, अगले 10–15 सालों में AI और मेडिकल टेक्नोलॉजी इतनी आगे बढ़ जाएगी कि उम्र को स्थिर करना संभव हो सकता है. वे इसे सिर्फ अपना निजी सपना नहीं, बल्कि मानवता के लिए 'जिंदगी को चुनने' का संदेश मानते हैं. नेटफ्लिक्स पर बनी उनकी डॉक्यूमेंट्री 'Don't Die' पहले ही इस सोच को दुनिया के सामने ला चुकी है.
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अमर होने की रिसर्च (anti aging experiment)
ब्रायन जॉनसन का दावा भले ही विवादित हो, लेकिन यह खबर इसलिए अहम है क्योंकि यह भविष्य की मेडिकल साइंस, longevity research और anti-aging technology की दिशा दिखाती है. अगर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा या नियंत्रित किया जा सका, तो यह इंसानी जीवन की परिभाषा ही बदल सकता है. ब्रायन जॉनसन की अमरता की कोशिश आज भले ही असंभव लगे, लेकिन यह साफ है कि साइंस और टेक्नोलॉजी इंसान को पहले से कहीं ज्यादा लंबा और स्वस्थ जीवन देने की ओर बढ़ रही है. 2039 तक अमरता मिले या न मिले, लेकिन यह प्रयोग भविष्य की दुनिया को जरूर बदल सकता है.
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