
दुनिया में अब भी मानवता जिंदा है, इसका ताजा उदाहरण दिया है डॉ. गणेश राख. (Dr Ganesh Rakh) जिनकी इंस्पायरिंग कहानी हाल में उद्योगपति आनंद महिंद्रा (Industrialist Anand Mahindra) ने सोशल मीडिया पर शेयर की है. आनंद महिंद्रा ने डॉ गणेश की असाधारण करुणा और मानवता की प्रशंसा की. इस डॉक्टर की कहानी आईएएस अधिकारी डी. प्रशांत नायर ने ऑनलाइन शेयर की थी. जिसके बाद आनंद महिंद्रा की नजर इस पर पड़ी और वह खुद को इसे पोस्ट करने से रोक नहीं पाए.
नायर की पोस्ट के अनुसार, एक दिहाड़ी मज़दूर ने अपनी पत्नी को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था, जबकि उसे चिंता थी कि सिजेरियन सेक्शन का खर्च उठाने के लिए उसे अपना घर गिरवी रखना पड़ेगा. बच्चे के जन्म के बाद, चिंतित पिता ने डॉक्टर से बच्चे के लिंग के बारे में पूछा.
डॉ. राख ने जवाब दिया, "आपके घर एक परी आई है." अस्पताल की फीस के बारे में पूछने में पिता की झिझक को देखते हुए, डॉ. राख ने कहा, "जब परियां पैदा होती हैं, तो मैं कोई फीस नहीं लेता." इस पर वह पिता भावुक हो गया और वह डॉ. राख के पैरों में गिर पड़ा और उन्हें श्रद्धापूर्वक "भगवान" कहने लगे.
2007 से कर रहे मुफ्त प्रसव
गौरतलब है कि डॉ. गणेश राख एक दशक से भी ज़्यादा समय से अपने अस्पताल में जन्मी बच्चियों का प्रसव फीस माफ़ कर रहे हैं. 2007 में अपना अस्पताल खोलने के बाद से, उन्होंने अपनी "बेटी बचाओ" पहल के तहत एक हज़ार से ज़्यादा लड़कियों का निःशुल्क प्रसव कराया है.
आनंद महिंद्रा की पोस्ट
आनंद महिंद्रा ने अपने पोस्ट में लिखा, "दो बेटियों का पिता होने के नाते, मैं दो बात जानता हूं कि जब आपके घर में एक परी का जन्म होता है तो कैसा लगता है... लेकिन यह डॉक्टर भी एक फरिश्ते है. कृपा और उदारता के फरिश्ते. और इस पोस्ट ने मुझे याद दिलाया है कि हफ़्ते की शुरुआत करने का इससे ज़्यादा प्रभावशाली तरीका और कोई नहीं है कि आप खुद से पूछें कि आपके लक्ष्य और आपका काम आपके समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव कैसे डालेगा."
ट्वीट यहां देखें:
As a father of two daughters, I know-twice over-what it's like when an angel is born in your house….
— anand mahindra (@anandmahindra) August 25, 2025
But this Doctor is also an angel. An angel of Grace and Generosity.
And this post has reminded me that there is no more powerful way to start a week than by asking yourself how… https://t.co/sy568QGTzy
बीबीसी के साथ एक इंटरव्यू में, डॉ. राख ने कहा था कि जब लोग बेटियों के जन्म का जश्न मनाना शुरू करेंगे, तब वे फीस लेना फिर से शुरू कर देंगे.
डॉ गणेश की कहानी ने लोगों को छुआ है और ढेरों लोग इस पोस्ट पर कमेंट कर उनकी तारीफ कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, "ईश्वर ने उन्हें हमारी दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए भेजा था." एक अन्य ने कमेंट किया, "बहुत बढ़िया काम. लेकिन समाज में आज भी लड़कों के प्रति इतना जुनून क्यों है?"
तीसरे ने लिखा, "प्रेरणादायक कार्य! ये पहल लैंगिक भेदभाव से सीधे तौर पर निपटती हैं. लड़कियों के लिए मुफ़्त प्रसव उनकी अहमियत का एक मजबूत संदेश देता है. असली बदलाव तब आता है जब लोग ठोस कदम उठाते हैं." अपनी 'बेटी बचाओ जनांदोलन' पहल के तहत, डॉ. राख, जो पुणे के हडपसर इलाके में एक प्रसूति-सह-मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल चलाते हैं, कन्या भ्रूण हत्या और शिशु हत्या के खिलाफ जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.
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