VIDEO: “यह हमारे खेल को बचाने की लड़ाई है”, बजरंग पूनिया ने सोशल मीडिया पर कुश्ती जगत से की बड़ी अपील

विनेश फोगट (Vinesh Phogat) के साथ बैठे टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया (Bajrang Punia)ने सिंह को ‘तानाशाह’ करार देते हुए कहा कि महासंघ मनमाने ढंग से चलाया जा रहा है और जब तक WFI अध्यक्ष को हटाया नहीं जाता तब तक वे किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे.

VIDEO: “यह हमारे खेल को बचाने की लड़ाई है”, बजरंग पूनिया ने सोशल मीडिया पर कुश्ती जगत से की बड़ी अपील

Wrestlers protest at Jantar Mantar

Wrestlers vs WFI: भारतीय खेल जगत बुधवार को कुछ आश्चर्यजनक खबरों का गवाह बना, जब विनेश फोगट, बजरंग पुनिया (Bajrang Punia), साक्षी मलिक सहित देश के कुछ टॉप पहलवान जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे (Wrestlers protest at Jantar Mantar) और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष (WFI President) बृजभूषण शरण सिंह और कोचों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए. वर्ल्ड चैंपियनशिप की पदक विजेता और ओलंपियन विनेश (Vinesh Phogat) ने यह भी दावा किया कि लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में कई कोच ने भी महिला पहलवानों का शोषण किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि शिविर में कुछ महिलाएं हैं जो WFI अध्यक्ष के कहने पर पहलवानों से संपर्क करती रही हैं. हालांकि इस 28 साल की पहलवान ने स्पष्ट किया कि उन्होंने खुद इस तरह के शोषण का सामना नहीं किया है. बड़े पैमाने पर विरोध करने के साथ टॉप भारतीय पहलवानों ने WFI अध्यक्ष को पद से हटाने की मांग की है.

इसके बाद बजरंग पुनिया ने सोशल मीडिया का साहार लेते हुए कुश्ती समुदाय से भावनात्मक अपील की है. बजरंग पुनिया ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा, "आप सभी से मेरा अनुरोध है जो कुश्ती से जुड़े हैं - कोच, साथी पहलवान और अन्य, यह हमारे खेल को बचाने की लड़ाई है. इसलिए, कृपया हमारे साथ खड़े रहें. हमारे अध्यक्ष (बृजभूषण शरण सिंह) कह रहे हैं कि केवल तीन 10 प्रतिशत कुश्ती वाले आरोप लगा रहे हैं जबकि बाकी उनके साथ हैं. इसलिए हमें अपने खेल की रक्षा के लिए एकजुट होना होगा. हमें एक साथ खड़े रहना होगा और एकजुट रहना होगा. कुश्ती को बचाना बहुत जरूरी है क्योंकि इसने हमें सब कुछ दिया है. आप कुश्ती से जुड़े हैं, इसलिए हमारा समर्थन करें.”

विनेश इतनी परेशान थी कि उसने तीन महीने पहले टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. देश के टॉप पहलवानों में शामिल बजरंग पूनिया ने से कहा, “हम गृह मंत्री से मिले थे और उन्होंने हमें आश्वासन दिया था कि आपको न्याय मिलेगा.”


विनेश ने दावा किया कि उन्हें WFI अध्यक्ष के इशारे पर उनके करीबी अधिकारियों से जान से मारने की धमकी मिली थी, क्योंकि उन्होंने टोक्यो ओलंपिक खेलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उनका ध्यान इन मुद्दों पर आकर्षित करने का हिम्मत दिखाई थी.

विनेश ने लगाए बड़े आरोप

जंतर मंतर पर चार घंटे से अधिक समय तक धरने पर बैठने (Wrestlers protest at Jantar Mantar) के बाद विनेश ने कहा, मैं कम से कम 10-20 महिला पहलवानों को जानती हूं जिन्होंने मुझे WFI अध्यक्ष से हुए यौन शोषण के बारे में बताया है. उन्होंने मुझे अपनी आपबीती सुनाईं. मैं अभी उनका नाम नहीं ले सकती लेकिन अगर हम देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलें तो मैं नामों का खुलासा जरूर कर सकती हूं.”

उन्होंने कहा, “मुझे उन लोगों से जान से मारने की धमकी मिली है जो WFI अध्यक्ष के करीबी हैं. अगर यहां बैठे हममें से किसी को कुछ होता है, तो केवल डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ही जिम्मेदार होंगे.”

विनेश के साथ बैठे टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने सिंह को ‘तानाशाह' करार देते हुए कहा कि महासंघ मनमाने ढंग से चलाया जा रहा है और जब तक WFI अध्यक्ष को हटाया नहीं जाता तब तक वे किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे.

इन दोनों के अलावा रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, वर्ल्ड चैम्पियनशिप पदक विजेता सरिता मोर, संगीता फोगाट, सत्यव्रत कादियान, जितेंद्र सिन्हा और राष्ट्रमंडल खेल पदक विजेता सुमित मलिक जंतर मंतर पर धरने पर बैठे 30 पहलवानों में शामिल हैं.

खेल मंत्रालय ने लिया संज्ञान

खेल मंत्रालय ने आरोपों पर संज्ञान लेते हुए WFI से स्पष्टीकरण मांगा है और ‘अगले 72 घंटों के अंदर आरोपों पर जवाब देने' का निर्देश दिया है. मंत्रालय ने कहा, “अगर WFI अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने में विफल रहता है, तो मंत्रालय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के संदर्भ में महासंघ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा.”

घटनाक्रम को देखते हुए मंत्रालय (Sports Ministry) ने बुधवार से लखनऊ के SAI (भारतीय खेल प्राधिकरण) परिसर में होने वाले शिविर को भी रद्द कर दिया. धरना में विनेश के साथ बैठे बजरंग ने से कहा, “हमारी लड़ाई सरकार या भारतीय खेल प्राधिकरण के खिलाफ नहीं है. हम WFI के खिलाफ है. हम आज इसका ब्यौरा देंगे. ये तो अब आर पार की लड़ाई है.”

उन्होंने कहा, “WFI अध्यक्ष को हटाए जाने तक हम किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे. यह भारतीय कुश्ती को बचाने की लड़ाई है. हमें विदेशी कोचों की मदद और समर्थन से वंचित किया जा रहा है जबकि अध्यक्ष ने गोंडा में अपनी अकादमी के लिए एक विदेशी कोच को काम पर रखा है. बजरंग का सहयोगी स्टाफ भी धरने पर बैठा था जिसमें उनके कोच सुजीत मान और फिजियो आनंद दुबे शामिल हैं.  

बजरंग ने कहा, “वह खिलाड़ियों के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हैं. हम आपको उसका वीडियो भी दिखा सकते हैं.”

दिसंबर 2021 में WFI अध्यक्ष ने अंडर -15 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान अधिक उम्र के एक पहलवान को थप्पड़ मार दिया था. यह पहलवान अयोग्य होने के बाद प्रतिस्पर्धा करने पर जोर दे रहा था. उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से मौजूदा BJP सांसद ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए अपना पद छोड़ने से इनकार कर दिया.

WFI अध्यक्ष का जवाब

इस 66 साल के खेल प्रशासक ने कहा, “किसी भी आरोप में कोई सच्चाई नहीं है. मैं अपना पद क्यों छोडूं? अगर एक भी महिला पहलवान के यौन उत्पीड़न का आरोप सही साबित होता है तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं. इसके (साजिश) पीछे एक उद्योगपति है.”

उन्होंने कहा, “इस मामले में CBI या पुलिस की जांच हो सकती है. कोई तानाशाही नहीं है. ये वही पहलवान है जो एक हफ्ते पहले मुझसे मिले थे और तब कुछ भी ऐसा नहीं कहा था.”

विनेश को उनके किसी करीबी से जाने से मारने की धमकी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “विनेश ने उस समय मुझसे बात क्यों नहीं की या पुलिस से संपर्क क्यों नहीं किया? वह प्रधानमंत्री या खेल मंत्री से क्यों नहीं मिलीं? अब ऐसा क्यों कह रही है.”

भाषा के इनपुट के साथ

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