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यूक्रेन में रुकेगी जंग, ताइवान बनेगा एशिया का अखाड़ा? 2026 में इन 5 संघर्षों पर रहेगी नजर

Conflicts to Watch in 2026: इस आर्टिकल में बात करेंगे उन 5 सैन्य संघर्ष की, जिस पर पूरी दुनिया की नजर रहेगी. साथ ही यह उम्मीद की इंसानियत जीतेगी, यह जंग खत्म होगा, शांति का रास्ता अपनाया जाएगा.

यूक्रेन में रुकेगी जंग, ताइवान बनेगा एशिया का अखाड़ा? 2026 में इन 5 संघर्षों पर रहेगी नजर
Conflicts to Watch in 2026: इन 5 सैन्य संघर्ष पर होगी दुनिया की नजर

हर नया साल एक नई उम्मीद लेकर आता है कि बीते साल से हम सीख लेंगे और नए साल में उन गलतियों को नहीं दोहराएंगे. साल 2025 में दुनिया ने कई मोर्चों पर जंग या फुल स्केल का सैन्य संघर्ष देखा है. चाहे बात भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष की करें या फिर रूस और यूक्रेन में 4 साल से न खत्म हो सकी जंग की. इजरायल और गाजा का युद्ध सीजफायर के बाद पेपर पर खत्म भले हो गया हो लेकिन जमीन पर शांति अभी भी नहीं लौटी है. हम इस आर्टिकल में बात करेंगे उन 5 सैन्य संघर्ष की, जिस पर पूरी दुनिया की नजर रहेगी. साथ ही यह उम्मीद कि इंसानियत जीतेगी, यह जंग खत्म होगा, शांति का रास्ता अपनाया जाएगा.

रूस-यूक्रेन युद्ध

यूक्रेन में चल रहा युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे बड़ा संघर्ष बना हुआ है. इस जंग को शुरू हुए लगभग 4 साल का वक्त गुजर चुका है लेकिन शांति अभी भी नजर नहीं आ रही है. दोनों देशों और तमाम दूसरे स्टेकहोल्डर्स के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन सीजफायर समझौते पर सहमति नहीं बन पाई है. विशेषज्ञों की नजर एंडगेम पर है. रूस ने यूक्रेन पर अपना दबाव बढ़ा दिया है, वो यूक्रेन के जिन हिस्सों पर कब्जा कर चुका है उसे छोड़ने को राजी नहीं है. उसकी एक बड़ी शर्त यह भी है कि यूक्रेन नाटो में शामिल होने का सपना छोड़ दे. यूक्रेन अमेरिका-यूरोप से एक सुरक्षा गारंटी के बदले नाटो में शामिल नहीं होने का राजी है लेकिन वह अपनी जमीन नहीं छोड़ना चाहता. दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किसी कीमत पर सीजफायर समझौता कराने पर आमादा दिख रहे हैं, भले उससे यूक्रेन को बड़ा नुकसान ही क्यों न हो जाए.

अमेरिका-वेनेजुएला

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वे वेनेजुएला के साथ अमेरिकी युद्ध की संभावना से इनकार नहीं करते हैं. ट्रंप ने दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद वेनेजुएला के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ट्रंप का दावा है कि वेनेजुएला की निकोलस मादुरो सरकार एक गिरोह के रूप में काम कर रही है और अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी करवा रही है. अमेरिका हाल ही में वेनेज़ुएला के निकट जल क्षेत्र में अपनी सैन्य तैनाती को लगातार बढ़ा रहा है, उसके तेल टैंकर को अपने कब्जे में ले रहा है. ट्रंप ने तो यहां तक कहा है कि उन्हें वेनेजुएला के खिलाफ जमीन पर हमले शुरू करने के लिए कांग्रेस (संसद) की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है. वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का दावा है कि अमेरिकी का यह सैन्य अभियान ड्रग्स की तस्करी को रोकने के अपने घोषित लक्ष्य के बजाय वेनेजुएला में शासन परिवर्तन चाहता है.

फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार अगर वेनेजुएला के खिलाफ ट्रंप फुल स्केल के संघर्ष की शुरुआत करते हैं तो अमेरिकी नौसेना वेनेजुएला की सेना को पंगु बनाने के लिए बड़ी संख्या में टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों और अमेरिकी डिस्ट्रॉयर से दागी गई एसएम-2एस, एसएम-3एस और एसएम-6एस-का इस्तेमाल कर सकती है.

चीन-ताइवान

कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2026 में ताइवान और चीन के बीच वैश्विक स्तर का संघर्ष शुरू हो सकता है. चीन ताइवान को अपना एक अलग हुआ प्रांत मानता है और उसे मुख्य भूमि (मेन लैंड चाइना) के साथ फिर से जोड़ना चाहता है. जबकि ताइवान खुद को एक संप्रभु, स्वतंत्र राष्ट्र कहता है. चीन ने ताइवान पर कब्जा करने के लिए सैन्य कार्रवाई से इनकार नहीं किया है. उसने ताइवान पर दबाव बढ़ाने के लिए अपना सैन्य अभ्यास भी शुरू कर दिया है.

इजरायल और फिलिस्तीन

भले इजरायल और हमास के बीच जंग पेपर पर खत्म हो रखी है, लेकिन साल 2026 में सबकी नजर इधर होगी. काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशन की रिपोर्ट के अनुसार बहुत हद तक संभावना है कि इजरायली बस्ती निर्माण, फिलिस्तीनी राजनीतिक अधिकारों और गाजा में युद्ध को लेकर वेस्ट बैंक में इजरायली सुरक्षा बलों और फिलिस्तीनियों के बीच संघर्ष बढ़ सकता है. इतना ही नहीं हमास और इजरायली सुरक्षा बलों के बीच झड़प बढ़ सकती है, जिसके कारण गाजा पट्टी में नए सिरे से लड़ाई शुरू हो सकती है. गाजा में एक बार फिर मानवीय संकट गहराने और क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ने का डर है.

अफ्रीका

अफ्रीका में कई उच्च जोखिम वाले क्षेत्र हैं, जिनमें सबसे क्रूर संघर्ष सूडान (एक विनाशकारी गृह युद्ध) और साहेल क्षेत्र (माली, नाइजर, बुर्किना फासो) में हैं, जहां राजनीतिक अस्थिरता, तख्तापलट और आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे चरमपंथी समूहों का प्रसार बड़े पैमाने पर है. ये संघर्ष बड़े पैमाने पर विस्थापन और मानवीय संकट का कारण बनते हैं. 2026 में यहां के संघर्षों पर भी दुनिया की नजर रहेगी.

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