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This Article is From Jun 17, 2022

Viral: तालिबान की वापसी के बाद गरीबी में धकेले गए अफगानिस्तान के ये टीवी एंकर, अब सड़क पर बेचते हैं खाना

जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, देश एक मानवीय और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. उन्होंने पिछले कुछ महीनों में कई पत्रकारों, विशेषकर महिलाओं को अपनी नौकरी गंवाने के साथ मीडिया आउटलेट्स पर भी नकेल कसी है.

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Viral: तालिबान की वापसी के बाद गरीबी में धकेले गए अफगानिस्तान के ये टीवी एंकर, अब सड़क पर बेचते हैं खाना
पत्रकार मूसा मोहम्मदी की कहानी इंटरनेट पर वायरल हो रही है
नई दिल्ली:

तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) को बहुत अधिक आर्थिक और राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है. हामिद करजई सरकार (Hamid Karzai Government) के साथ काम कर चुके कबीर हकमल (Kabir Haqmal) ने एक हालिया ट्विटर पोस्ट के जरिए बताया है कि देश में कितने ही प्रतिभाशाली पेशेवर लोगों को गरीबी में धकेल दिया गया है.

हकमल ने एक अफगान पत्रकार मूसा मोहम्मदी की तस्वीर साझा की है. कैप्शन में हकमल ने लिखा कि मोहम्मदी सालों से मीडिया का हिस्सा थे. लेकिन अब अफगानिस्तान में इस तरह की गंभीर आर्थिक स्थिति के बीच वह अब अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए खाना बेच रहे हैं.

कबीर हकमल ने ट्वीट में लिखा, "तालिबान के राज में अफगानिस्तान में पत्रकारों का जीवन. मूसा मोहम्मदी ने कई टीवी चैनलों में एक एंकर और रिपोर्टर के तौर पर सालों तक काम किया और अब उनके पास अपने परिवार को खिलाने के लिए कोई इनकम नहीं है, कुछ पैसे कमाने के लिए वो अब स्ट्रीट फूड बेचता है. गणतंत्र के पतन के बाद अफगानिस्तान के लोग अभूतपूर्व गरीबी का सामना कर रहे हैं."

मोहम्मदी की कहानी इंटरनेट पर वायरल हो रही है. इसने राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन के महानिदेशक अहमदुल्ला वासीक का ध्यान भी खींचा. अपने ट्वीट में, वासिक ने कहा कि वह पूर्व टीवी एंकर और रिपोर्टर को अपने विभाग में नियुक्त करेंगे.

वासीक ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "एक निजी टेलीविजन स्टेशन के प्रवक्ता मूसा मोहम्मदी की बेरोजगारी सोशल मीडिया पर उठाई गई है. राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन के निदेशक के रूप में मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि हम उसे राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन में नियुक्त करेंगे. हमें सभी अफगान पेशेवरों की जरूरत है."

गौरतलब है कि जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, देश एक मानवीय और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. उन्होंने पिछले कुछ महीनों में कई पत्रकारों, विशेषकर महिलाओं को अपनी नौकरी गंवाने के साथ मीडिया आउटलेट्स पर भी नकेल कसी है.

रॉयटर्स के अनुसार, विश्व बैंक ने हाल ही में कहा है कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में अंतिम चार महीनों में प्रति व्यक्ति आय में एक तिहाई से अधिक की गिरावट आयी है, जो काफी गंभीर है. विश्व बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री टोबियास हक ने कहा, "दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक अफगानिस्तान अब और ज्यादा गरीब हो गया है."

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