 
                                            डोनाल्ड ट्रंप की फाइल फोटो
                                                                                                                        - अमेरिका ने 1979 में ताइवान से राजनयिक संबंध समाप्त कर लिए थे
- ट्रंप ने दशकों पुरानी नीति को तोड़ते हुए ताइवान की राष्ट्रपति से बात की
- ताइवान को विश्वासघाती प्रांत मानने वाला चीन इस कदम से आक्रोशित हो सकता है
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                                                                                वाशिंगटन: 
                                        अमेरिका की दशकों पुरानी राजनयिक नीति को तोड़ते हुए इसके नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताइवान की राष्ट्रपति त्साइ इंग-वेन से बात की और कई मुद्दों पर उनके साथ चर्चा की. यह कदम चीन को आक्रोशित कर सकता है.
ट्रंप के सत्ता हस्तांतरण दल ने फोन पर हुई बातचीत जानकारी देते हुए हुए एक रीडआउट में कहा, 'नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से बात की, जिन्होंने उन्हें (ट्रंप को) बधाई दी.' इसके अनुसार, 'चर्चा के दौरान उन्होंने करीबी अर्थव्यवस्था, राजनीतिक और अमेरिका एवं ताइवान के बीच मौजूद सुरक्षा संबंधों का जिक्र किया.'
ट्रंप ने कई एशियाई देशों के नेताओं से फोन पर बातचीत की
ताइवान की राष्ट्रपति के साथ ट्रंप की हुई ये बातचीत अपना कार्यकाल संभालने से पहले एशियाई देशों के नेताओं के साथ उनकी फोन पर बातचीत की श्रृंखला का ही हिस्सा हैं. इसके अनुसार, 'नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने इस साल के शुरू में ताइवान की राष्ट्रपति बनने पर साई को बधाई दी.'
ट्रंप ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से भी बात की और उनकी ऐतिहासिक जीत पर उन्हें बधाई दी. राष्ट्रपति के सत्ता हस्तांतरण दल ने बताया, 'उन्होंने दोनों देशों के सम्मुख आतंकवाद के गंभीर खतरों पर चर्चा की और इन बढ़ते खतरों से मुकाबले के लिए एकसाथ काम करने का संकल्प लिया.'
ओबामा को अपशब्द कह चुके फिलिपीनी राष्ट्रपति से भी ट्रंप ने की बात
इसके अलावा ट्रंप ने फिलिपीन के राष्ट्रपति रोद्रिगो रोवा दुतेर्ते से भी फोन पर बात की, जिन्होंने ट्रंप को राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर बधाई दी. अपनी बातचीत में उन्होंने मित्रता के लंबे इतिहास और दोनों देशों के बीच सहयोग का जिक्र किया और साझा हितों एवं चिंताओं के मामलों पर लगातार करीब से काम करने पर सहमत हुए.
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने भी ट्रंप की उल्लेखनीय चुनावी जीत पर उन्हें बधाई दी. इसके अनुसार, 'दोनों नेताओं ने बेहतर आर्थिक, राजनीतिक के लंबे इतिहास और अमेरिका एवं सिंगापुर के बीच सुरक्षा संबंधों पर चर्चा की.'
चीन के साथ ट्रंप प्रशासन के रिश्ते में जटिलता पैदा करने वाला कदम
यह पहला मौका है जब 1979 के बाद से अमेरिका के किसी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति या राष्ट्रपति ने ताइवान के नेता से बात की है. 'न्यूयार्क टाइम्स' ने कहा कि ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के शुरू होने से पहले उनका यह कदम 'लगभग चार दशक से चल रही अमेरिका की राजनयिक गतिविधियों को आश्चर्यजनक रूप से तोड़ने वाला है जो चीन के साथ तल्खी बढ़ा सकता है.'
'वाशिंगटन पोस्ट' ने इस कदम को चीन के साथ ट्रंप प्रशासन के रिश्ते में जटिलता पैदा करने वाला बताते हुए इसे 'राजनयिक प्राटोकॉल का उल्लंघन' बताया है. वहीं 'सीएनएन' ने कहा, 'ये टेलीफोन कॉल निश्चित रूप से चीन को आक्रोशित करने वाले हैं, क्योंकि चीन ताइवान को एक विश्वासघाती प्रांत मानता है. ट्रंप ने यह संकल्प लिया था कि वह दुनिया के बाकी देशों के साथ अमेरिका के रिश्तों में अप्रत्याशित तब्दीली लाएंगे और यह उनके इसी संकल्प का अहम संकेत है.'
                                                                        
                                    
                                ट्रंप के सत्ता हस्तांतरण दल ने फोन पर हुई बातचीत जानकारी देते हुए हुए एक रीडआउट में कहा, 'नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से बात की, जिन्होंने उन्हें (ट्रंप को) बधाई दी.' इसके अनुसार, 'चर्चा के दौरान उन्होंने करीबी अर्थव्यवस्था, राजनीतिक और अमेरिका एवं ताइवान के बीच मौजूद सुरक्षा संबंधों का जिक्र किया.'
ट्रंप ने कई एशियाई देशों के नेताओं से फोन पर बातचीत की
ताइवान की राष्ट्रपति के साथ ट्रंप की हुई ये बातचीत अपना कार्यकाल संभालने से पहले एशियाई देशों के नेताओं के साथ उनकी फोन पर बातचीत की श्रृंखला का ही हिस्सा हैं. इसके अनुसार, 'नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने इस साल के शुरू में ताइवान की राष्ट्रपति बनने पर साई को बधाई दी.'
ट्रंप ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से भी बात की और उनकी ऐतिहासिक जीत पर उन्हें बधाई दी. राष्ट्रपति के सत्ता हस्तांतरण दल ने बताया, 'उन्होंने दोनों देशों के सम्मुख आतंकवाद के गंभीर खतरों पर चर्चा की और इन बढ़ते खतरों से मुकाबले के लिए एकसाथ काम करने का संकल्प लिया.'
ओबामा को अपशब्द कह चुके फिलिपीनी राष्ट्रपति से भी ट्रंप ने की बात
इसके अलावा ट्रंप ने फिलिपीन के राष्ट्रपति रोद्रिगो रोवा दुतेर्ते से भी फोन पर बात की, जिन्होंने ट्रंप को राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर बधाई दी. अपनी बातचीत में उन्होंने मित्रता के लंबे इतिहास और दोनों देशों के बीच सहयोग का जिक्र किया और साझा हितों एवं चिंताओं के मामलों पर लगातार करीब से काम करने पर सहमत हुए.
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने भी ट्रंप की उल्लेखनीय चुनावी जीत पर उन्हें बधाई दी. इसके अनुसार, 'दोनों नेताओं ने बेहतर आर्थिक, राजनीतिक के लंबे इतिहास और अमेरिका एवं सिंगापुर के बीच सुरक्षा संबंधों पर चर्चा की.'
चीन के साथ ट्रंप प्रशासन के रिश्ते में जटिलता पैदा करने वाला कदम
यह पहला मौका है जब 1979 के बाद से अमेरिका के किसी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति या राष्ट्रपति ने ताइवान के नेता से बात की है. 'न्यूयार्क टाइम्स' ने कहा कि ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के शुरू होने से पहले उनका यह कदम 'लगभग चार दशक से चल रही अमेरिका की राजनयिक गतिविधियों को आश्चर्यजनक रूप से तोड़ने वाला है जो चीन के साथ तल्खी बढ़ा सकता है.'
'वाशिंगटन पोस्ट' ने इस कदम को चीन के साथ ट्रंप प्रशासन के रिश्ते में जटिलता पैदा करने वाला बताते हुए इसे 'राजनयिक प्राटोकॉल का उल्लंघन' बताया है. वहीं 'सीएनएन' ने कहा, 'ये टेलीफोन कॉल निश्चित रूप से चीन को आक्रोशित करने वाले हैं, क्योंकि चीन ताइवान को एक विश्वासघाती प्रांत मानता है. ट्रंप ने यह संकल्प लिया था कि वह दुनिया के बाकी देशों के साथ अमेरिका के रिश्तों में अप्रत्याशित तब्दीली लाएंगे और यह उनके इसी संकल्प का अहम संकेत है.'
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