- अमेरिकी राष्ट्रपति ने फेंटेनाइल ड्रग्स को सामूहिक विनाश का हथियार घोषित किया, इसे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा बताया
- ट्रंप ने कहा कि फेंटेनाइल से हर साल दो से तीन लाख अमेरिकियों की मौत हो रही है
- ट्रंप ने गांजे पर प्रतिबंध कम करने पर विचार किया है, ताकि रिसर्च को बढ़ावा मिल सके और उद्योग को राहत मिले
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करते हुए फेंटेनाइल ड्रग्स को सामूहिक विनाश का हथियार यानी वेपन ऑफ मास डिस्ट्रक्शन घोषित किया है. याद रहे कि अमेरिका और ब्रिटेन ने वेपन ऑफ मास डिस्ट्रक्शन होने का झूठा दावा करके ही 2003 में ईराक पर हमला किया था. अब ट्रंप ने फेंटेनाइल ड्रग्स को लेकर कहा कि यह सिंथेटिक ओपियोइड अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है और इसके अवैध कारोबार के खिलाफ कार्रवाई और तेज की जाएगी. वहीं दूसरी तरफ ट्रंप ने कहा है कि वह गांजे पर होने वाली सख्ती को कम करेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “आज मैं एक ऐतिहासिक आदेश पर हस्ताक्षर कर रहा हूं, जिसके तहत फेंटेनाइल को सामूहिक विनाश का हथियार माना जाएगा. कोई भी बम उतना नुकसान नहीं करता, जितना यह नशा कर रहा है.” उन्होंने बताया कि फेंटेनाइल से होने वाली मौतों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक है. उनके अनुसार हर साल दो से तीन लाख लोगों की मौत इस नशे की वजह से हो रही है, जिससे अमेरिकी परिवार बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के दुश्मन देश जानबूझकर फेंटेनाइल की तस्करी कर रहे हैं. उनका कहना था कि फेंटेनाइल को अमेरिका भेजने के पीछे मंशा अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाने की है. ट्रंप ने बड़ी मात्रा में ड्रग्स पकड़े जाने को प्रगति के सबूत के तौर पर पेश किया. उन्होंने कहा, "मई में, हमने अमेरिका के इतिहास में फेंटेनाइल की सबसे बड़ी खेप पकड़ी, एक ही बार में तीन मिलियन फेंटेनाइल गोलियां जब्त कीं." इसके अलावा, कोलोराडो में पिछले महीने 17 लाख गोलियां जब्त की गईं.
गांजे पर नरमी दिखाएंगे ट्रंप
न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार मारिजुआना (गांजे) को कम खतरनाक ड्रग्स करार देने पर "विचार" कर रहा है. ट्रंप सरकार का यह कदम प्रतिबंधों को कम कर सकता है और कैनबिस उद्योग (गांजा कंपनियों) को राहत प्रदान कर सकता है.
इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर ओवल ऑफिस में ट्रंप ने कहा, "हम इस पर विचार कर रहे हैं. क्योंकि बहुत से लोग इसे फिर से क्लासिफाई (अगल समूह में डालना) होते देखना चाहते हैं. इसकी वजह है कि इससे भारी मात्रा में रिसर्च होता है जिसे तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि इसे रिक्लासिफाई न किया जाए. इसलिए हम इस पर बहुत दृढ़ता से विचार कर रहे हैं."
अमेरिका में फेंटेनाइल संकट
फेंटेनाइल संकट अमेरिका के हाल के इतिहास की सबसे गंभीर स्वास्थ्य आपदाओं में से एक बन गया है. पिछले एक दशक में सिंथेटिक ओपियोइड के कारण ओवरडोज से होने वाली मौतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कई सरकारें इस समस्या से निपटने में कठिनाई महसूस कर रही हैं. भारत भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे पदार्थों की रोकथाम के प्रयासों पर नजर रखे हुए है और अमेरिका व अन्य देशों के साथ मिलकर नशीली दवाओं के अवैध कारोबार के खिलाफ सहयोग कर रहा है.
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