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This Article is From Sep 28, 2011

भारत के साथ हर जगह काम करना चाहता है अमेरिका

वाशिंगटन: अमेरिका ने भारत से अपील की है कि वह उसके साथ दुनिया में हर जगह, लैटिन अमेरिका से मध्य पूर्व तक काम करना चाहता है। इसके साथ ही अमेरिका ने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान में सफलता के लिए भारत सहित अन्य देशों की जरूरत पड़ेगी। अमेरिका के उपविदेश मंत्री विलियम जे. बर्न्‍स ने यहां कहा, "हम भारत के उदय को न केवल एक आर्थिक साझेदार के रूप में देख रहे हैं, बल्कि एक वैश्विक ताकत के रूप में भी। एक ऐसी ताकत के रूप में जिसे लैटिन अमेरिका से लेकर मध्य पूर्व तक और पूर्व से पूर्वी एशिया तक, हर जगह उपस्थित रहना है।" बर्न्‍स 'इज देयर अ फ्यूचर फॉर द यूएस-इंडिया पार्टनरशिप' (क्या भारत-अमेरिका साझेदारी का कोई भविष्य है) विषय पर एक व्याख्यान दे रहे थे। व्याख्यान का आयोजन औद्योगिक संस्था, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और वाशिंगटन स्थित प्रमुख थिंकटैंक, ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। बर्न्‍स ने कहा कि एक अधिक स्थिर दक्षिण एशिया को बढ़ावा देने में भारत का नेतृत्व क्षेत्र और दुनिया के अधिक शांतिमय भविष्य की आशा जगाता है। बर्न्‍स ने भारतीय नेतृत्व द्वारा दुनिया में की गई पहल का जिक्र किया। इस संदर्भ में उन्होंने अफगानिस्तान को अरबों डॉलर की सहायता का भारत का वादा, पाकिस्तान के साथ व्यापार सामान्य बनाने और बातचीत बहाली की प्रतिबद्धता और बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका व मालदीव में अधोसंरचना एवं क्षमता बढ़ाने वाली भारत की संयुक्त परियोजनाओं का हवाला दिया। बर्न्‍स ने कहा कि विश्व, अफगानिस्तान को नजरअंदाज कर गलती ही दोहराएगा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में सफलता इस बात पर निर्भर करेगा कि वहां अन्य देश भी हाथ बढ़ाएं। बर्न्‍स ने कहा, "उन अन्य देशों में भारत को निश्चितरूप से शामिल होना है। गठबंधन सेना की वापसी के साथ ही अफगानिस्तान में बड़ी मात्रा में निजी निवेश और पड़ोसियों के साथ आर्थिक सम्पर्को की जरूरत होगी।"

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