संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता पूर्व विद्रोही नेशनल ट्रांजिशनल काउंसिल (एनटीसी) को देने के प्रस्ताव को भारी मत से पारित कर दिया। इसके अलावा लीबिया पर लगे आर्थिक और सैन्य प्रतिबंधों में ढील देने से जुड़े प्रस्ताव को भी पारित कर दिया। इससे संघषर्ग्रस्त देश में आर्थिक सुधार और राजनैतिक व्यवस्था बहाली में मदद मिलेगी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2009 को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। इसके तहत तीन महीने के लिए एक नए संयुक्तराष्ट्र मिशन का गठन किया जाएगा, जो लीबिया को सुरक्षा, मानवाधिकारों की बहाली और प्रजातांत्रिक सरकार के गठन के लिए सर्वव्यापी राजनैतिक बातचीत को बढ़ावा देने में मदद करेगा। इस प्रस्ताव को एनटीसी को संयुक्तराष्ट्र से मान्यता मिलने के कुछ ही घंटों बाद स्वीकार किया गया। 193 सदस्यीय संयुक्तराष्ट्र महासभा ने 114-17 मत से एनटीसी की सदस्यता को स्वीकार किया। भारत ने इस नए मिशन की स्थापना और लीबिया की नई सरकार के संयुक्तराष्ट्र से मान्यता देने संबंधी प्रस्तावों के पक्ष में मतदान किया। पश्चिमी देशों ने इन दोनों प्रस्तावों का स्वागत करते हुए कहा कि इससे लीबिया की अर्थव्यवस्था को गति देने और पिछले कई महीनों से गद्दाफी और उनके सुरक्षा बलों के विरूद्ध लंबे समय से लड़ रहे लीबिया के लोगों के लिए प्रजातांत्रिक सरकार के गठन करने में मदद मिलेगी। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी सदस्य सुसान राइस ने कहा, अमेरिका इस ऐतिहासिक प्रगतिवादी कदम के लिए लीबिया के लोगों का स्वागत करता है।
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संयुक्त राष्ट्र, लीबिया, प्रतिबंध