
- तुर्की के विदेश मंत्री हकान फिदान और रक्षा मंत्री यासिर गुलर पाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा पर 9 जुलाई को इस्लामाबाद पहुंचे हैं.
- दोनों मंत्री प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय मुद्दों और रक्षा उद्योग सहयोग पर बातचीत करेंगे.
- तुर्की और पाकिस्तान के बीच घनिष्ठ और भाईचारे वाले संबंध साझा इतिहास, संस्कृति और आपसी विश्वास पर आधारित हैं.
तुर्की और पाकिस्तान के रिश्ते जगजाहिर हैं, दोनों देश जहां आपस में अच्छे दोस्त हैं तो वहीं दोनों ही भारत के धुर विरोधी हैं. 'ऑपरेशन सिंदूर' में जिस तरह से दोनों देश भारत के खिलाफ आए, वह सबने देखा. अब तुर्की के मंत्री एक बार फिर से पाकिस्तान पहुंचे हैं. तुर्की के विदेश मंत्री हकान फिदान और रक्षा मंत्री यासिर गुलर इस समय पाकिस्तान में हैं. दोनों मंत्री बुधवार 9 जुलाई को आधिकारिक यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंचे हैं. दोनों की इस यात्रा का मकसद रक्षा उद्योग सहयोग समेत आपसी हितों के मुद्दों पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ बातचीत करना है.
दोनों के बीच क्या बात होगी
रेडियो पाकिस्तान की तरफ से इस पर कहा गया है कि उनकी आधिकारिक मुलाकातों के दौरान आपसी हितों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. रिपोर्ट के अनुसार, 'यह यात्रा पाकिस्तान और तुर्की के बीच घनिष्ठ और भाईचारे वाले संबंधों को दर्शाती है, जो साझा इतिहास, संस्कृति और आपसी विश्वास पर आधारित है.' सूत्रों ने बताया कि दूसरे कार्यक्रमों के अलावा, दोनों मंत्री, प्रधानमंत्री शरीफ के साथ द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय मुद्दों और रक्षा उद्योग सहयोग पर भी बातचीत करेंगे.
पाकिस्तान और तुर्की के रिश्ते
गौरतलब है कि तुर्की के पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध हैं और मई में भारत के साथ सैन्य संघर्ष के दौरान एर्दोगन ने अपने दोस्त के साथ एकजुटता जताई थी. भारत ने इस पर अपनी नाराजगी को सार्वजनिक तौर पर जताया था. लेकिन इस्तांबुल ने इस्लामाबाद के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयास जारी रखे हैं.
रक्षा क्षेत्र में होगी बात
पाकिस्तान के अखबार इस यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री हकान फिदान जब पीएम शरीफ के साथ चर्चा करेंगे तो वह हर क्षेत्र में संबंधों को गहरा करने की इच्छा व्यक्त करेंगे. साथ ही क्षेत्रीय शांति के लिए पाकिस्तान जो कदम उठा रहे हैं, उसे समर्थन देंगे. अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि फिदान इस बात पर जोर देंगे कि दोनों देशों को 'रक्षा उद्योग में अपने सहयोग को मज़बूत करने की जरूरत है.' मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने जमकर तुर्की के ड्रोन्स का प्रयोग भारत के खिलाफ किया था. इसके बाद बाद जहां भारतीय व्यापारियों ने तुर्की से आने वाले सेबों को लेने से इनकार कर दिया था तो वहीं एक मशहूर फैशन ब्रांड ने भी अपनी डील कैंसिल कर दी थी.
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