दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के स्वास्थ्य मंत्री ने अपने ब्रिटिश समकक्ष के उस दावे को खारिज कर दिया है कि दक्षिण अफ्रीका में कोरोनावायरस (Coronavirus) का एक नया स्वरूप है, जो ब्रिटेन में फैले नए स्ट्रेन की तुलना में उससे भी ज्यादा संक्रामक या खतरनाक है. दक्षिण अफ्रीकी स्वास्थ्य मंत्री ज़ेल्विनी मखिज़े ने गुरुवार देर रात प्रकाशित एक बयान में कहा, "वर्तमान में, ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं कि 501.V2 (संस्करण) यूनाइटेड किंगडम में फैले कोविड-19 संस्करण की तुलना में अधिक संक्रामक है- जैसा कि ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दावा किया गया है."
बयान में यह भी कहा गया है, "इस बात के भी कोई सबूत नहीं हैं कि (यह) यूके के वैरिएंट या दुनिया भर में उपजे किसी भी वैरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी देने वाला या मृत्यु दर बढ़ाने वाला है."
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बुधवार को दक्षिण अफ्रीका से यात्रा पर प्रतिबंध की घोषणा करते हुए ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा था कि दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोनावायरस का नया वैरिएंट अधिक संवेदनशील और चिंताजनक है क्योंकि यह अधिक संक्रामक योग्य है, और वह ब्रिटेन में उपजे नए स्ट्रेन जैसा ही प्रतीत होता है."
मखिज़े ने कहा कि ब्रिटिश मंत्री के शब्दों में "यह धारणा बन गई है कि दक्षिण अफ्रीका का कोरोना वायरस संस्करण ब्रिटेन में दूसरी लहर के संक्रमण का एक प्रमुख कारक रहा है, जो सही नहीं है.
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उन्होंने सबूतों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ब्रिटिश स्ट्रेन जो दक्षिण अफ्रीकी कोरोना वायरस वैरिएंट के समान है, ब्रिटेन के दक्षिण-पूर्वी काउंटी केंट में सितंबर के शुरू में ही दिखाई दिया था, जबकि, दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट एक महीने बाद विकसित हो सका. उन्होंने कहा कि इस आधार पर दोनों देशों के बीच लगाया गया यात्रा प्रतिबंध दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
बता दें कि ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा था कि वायरस का नया स्ट्रेन COVID के मुख्य स्ट्रेन की तुलना में 70 प्रतिशत तेजी से फैलता है.
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