तालिबान की गोली का शिकार हुई पाकिस्तानी लड़की मलाला यूसुफजई के हौसले आज भी बुलंद हैं। एनडीटीवी की ग्रुप एडिटर बरखा दत्त से बातचीत में मलाला ने कहा है कि उसे कई बार भूतों से डर लगता है, लेकिन तालिबान से नहीं।
भारतीय मीडिया के किसी न्यूज चैनल को दिए अपने पहले इंटरव्यू मलाला ने कहा कि उसकी दुनिया भले ही बदल गई है, लेकिन उसके इरादे अब भी नहीं बदले हैं। मलाला ने कहा कि कट्टरपंथी नहीं चाहते कि लड़कियां स्कूल जाएं, क्योंकि वे डरते हैं।
मलाला ने कहा कि वह पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनना चाहती है और तब हर लड़की को स्कूल भेजूंगी। पिछले साल 9 अक्टूबर को तालिबान ने मलाला को गोली मार दी थी, जिसके बाद ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर के क्वीन एलिज़ाबेथ अस्पताल में उसका इलाज चला और वह ठीक हो गई।
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