ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ने बुधवार को कहा कि भारत में सोशल मीडिया सामग्री को नियंत्रित करने वाले नियम “काफी सख्त” हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि “वास्तव में क्या हुआ” जब उनकी माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने विवादास्पद बीबीसी वृत्तचित्र से संबंधित सामग्री को बाधित कर दिया था.
सैन फ्रांसिस्को में ट्विटर के मुख्यालय में बीबीसी के साथ एक साक्षात्कार में, अरबपति टेक कारोबारी ने सहमति व्यक्त की कि फर्म मीडिया कॉर्पोरेशन के मुख्य खाते के लिए अपने नए जोड़े गए लेबल को “सरकारी वित्त पोषित मीडिया” से “सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित” में बदलेगा. मस्क ने पिछले अक्टूबर में माइक्रोब्लॉगिंग मंच खरीदा था.
उनसे भारत की खबरों के संदर्भ में किए गए ‘कंटेंट मॉडरेशन' के स्तर के बारे में पूछा गया था कि इस साल की शुरुआत में बीबीसी के दो-भाग वाले ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' वृत्तचित्र से जुड़े कई ट्वीट को देश में पढ़े जाने से रोक दिया गया था.
मस्क ने बीबीसी को बताया, “मुझे उस विशेष स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है.”
साक्षात्कारकर्ता ने जब यह पूछा कि क्या इसका मतलब है कि वह गतिविधि के बारे में निश्चिंत नहीं थे, उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि वास्तव में भारत में कुछ सामग्री की स्थिति के साथ क्या हुआ. भारत में सोशल मीडिया पर क्या दिखाई देगा इसे लेकर नियम काफी सख्त हैं और हम किसी देश के कानूनों से परे नहीं जा सकते.”
भारत ने बीबीसी के वृत्तचित्र को “प्रचार के हिस्से” के तौर पर खारिज करते हुए कहा कि यह एक विशेष “साख गिराने संबंधी विमर्श” को आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया है और श्रृंखला में जारी औपनिवेशिक मानसिकता “स्पष्ट रूप से नजर आती है.
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