इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की राजधानी में विरोध-प्रदर्शन कर रहे रसूखदार मौलवी ताहिर-अल-कादरी के समर्थकों और पुलिस के बीच जबर्दस्त भिड़ंत हुई। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े।
टेलीविजन पर प्रसारित दृश्यों में पुलिस को कादरी समर्थकों को हटाने के लिए हवा में गोली चलाते और लाठीचार्ज करते देखा गया। कादरी समर्थकों ने पथराव भी किया।
पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने मीडिया को बताया कि पथराव की घटना के बाद सुरक्षाबलों ने हवा में गोलियां चलाईं।
कादरी के प्रवक्ता शाहिद मुरसलीन ने दावा किया है कि ये झड़पें तब हुईं जब मौलवी को पुलिस ने गिरफ्तार करने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने 10 मिनट तक गोलियां चलाईं।
मुरसलीन ने आगे दावा किया कि पुलिस ने कादरी की कार पर भी गोलियां चलाईं और इसकी खिड़कियां तोड़ने की कोशिश की।
बहरहाल, उनके दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है। प्रवक्ता ने बताया कि कादरी सुरक्षित हैं।
तहरीक-मिनहाज-उल-कुरान के प्रमुख कादरी ने अपने हजारों समर्थकों के साथ इस्लामाबाद के बीचोंबीच जिन्ना एवन्यू में रैली निकाली और सरकार को राष्ट्रीय तथा प्रांतीय एसेंबली भंग करने का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने घोषणा की कि वह 'लोगों की लोकतांत्रिक क्रांति’ का नेतृत्व कर रहे हैं।
मौलवी की पार्टी ने नेशनल एसेंबली से कुछ किलोमीटर तक शांतिपूर्ण रैली निकालने के लिए इस्लामाबाद प्रशासन से लिखित समझौता किया था, लेकिन मौलवी ने अधिकारियों को उस समय हैरत में डाल दिया जब उन्होंने अपने समर्थकों से अवरोधकों को उखाड़ फेंकने और संसद के नजदीक स्थित एक चौक की ओर कूच करने को कह दिया।
कादरी ने पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों से कहा कि वे अपने अधिकारियों के आदेश का पालन नहीं करें। कनाडाई नागरिक कादरी के अचानक फिर से उभार से पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। वह पिछले सात साल से देश से बाहर रह रहे थे।
कादरी बीते समय में कई विवादों में रहे हैं। वह अपनी पार्टी द्वारा अखबारों और टेलीविजन पर करोड़ों रुपये के विज्ञापन दिए जाने के बाद पिछले महीने विदेश से लौटे थे।
उन्होंने 24 दिसंबर को लाहौर में मीनार-ए-पाकिस्तान में एक बड़ी रैली को संबोधित किया था और सरकार को चुनाव सुधारों के लिए 10 जनवरी तक का समय दिया था।
टेलीविजन पर प्रसारित दृश्यों में पुलिस को कादरी समर्थकों को हटाने के लिए हवा में गोली चलाते और लाठीचार्ज करते देखा गया। कादरी समर्थकों ने पथराव भी किया।
पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने मीडिया को बताया कि पथराव की घटना के बाद सुरक्षाबलों ने हवा में गोलियां चलाईं।
कादरी के प्रवक्ता शाहिद मुरसलीन ने दावा किया है कि ये झड़पें तब हुईं जब मौलवी को पुलिस ने गिरफ्तार करने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने 10 मिनट तक गोलियां चलाईं।
मुरसलीन ने आगे दावा किया कि पुलिस ने कादरी की कार पर भी गोलियां चलाईं और इसकी खिड़कियां तोड़ने की कोशिश की।
बहरहाल, उनके दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है। प्रवक्ता ने बताया कि कादरी सुरक्षित हैं।
तहरीक-मिनहाज-उल-कुरान के प्रमुख कादरी ने अपने हजारों समर्थकों के साथ इस्लामाबाद के बीचोंबीच जिन्ना एवन्यू में रैली निकाली और सरकार को राष्ट्रीय तथा प्रांतीय एसेंबली भंग करने का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने घोषणा की कि वह 'लोगों की लोकतांत्रिक क्रांति’ का नेतृत्व कर रहे हैं।
मौलवी की पार्टी ने नेशनल एसेंबली से कुछ किलोमीटर तक शांतिपूर्ण रैली निकालने के लिए इस्लामाबाद प्रशासन से लिखित समझौता किया था, लेकिन मौलवी ने अधिकारियों को उस समय हैरत में डाल दिया जब उन्होंने अपने समर्थकों से अवरोधकों को उखाड़ फेंकने और संसद के नजदीक स्थित एक चौक की ओर कूच करने को कह दिया।
कादरी ने पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों से कहा कि वे अपने अधिकारियों के आदेश का पालन नहीं करें। कनाडाई नागरिक कादरी के अचानक फिर से उभार से पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। वह पिछले सात साल से देश से बाहर रह रहे थे।
कादरी बीते समय में कई विवादों में रहे हैं। वह अपनी पार्टी द्वारा अखबारों और टेलीविजन पर करोड़ों रुपये के विज्ञापन दिए जाने के बाद पिछले महीने विदेश से लौटे थे।
उन्होंने 24 दिसंबर को लाहौर में मीनार-ए-पाकिस्तान में एक बड़ी रैली को संबोधित किया था और सरकार को चुनाव सुधारों के लिए 10 जनवरी तक का समय दिया था।
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