- पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की बहनें और समर्थक रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.
- इमरान खान को पिछले तीन हफ्तों से परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दी गई है, जिससे बहनों में चिंता बढ़ी है.
- पुलिस ने कई पार्टी नेताओं और परिवार के सदस्यों को रोककर भारी सुरक्षा बल तैनात किया है.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के मुखिया इमरान खान के लिए प्रदर्शन जारी है. सोमवार देर रात उनकी बहन डॉक्टर उजमा खान और उनके बाकी समर्थकों ने अदियाला जेल के बाहर प्रदर्शन किया है. रावलपिंडी स्थित इसी जेल में इमरान खान पिछले दो सालों से ज्यादा समय से बंद हैं. इमरान को पिछले तीन हफ्तों से उनके किसी भी फैमिली मेंबर से नहीं मिलने दिया गया है. बहन उजमा इसी बात को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं.
इलाके में तैनात भारी पुलिस फोर्स
अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार पीटीआई के संस्थापक इमरान खान की बहनें, अलीमा खान, डॉक्टर उजमा खान और नोरीन नियाजी ने अदियाला जेल के बाहर फिर से प्रदर्शन शुरू कर दिया है. बहनों और पीटीआई समर्थक फैक्ट्री नाका पर बैठे हैं और धरना जारी है. उन्होंने कहा कि जब तक इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी से मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी, तब तक विरोध जारी रहेगा. पंजाब पुलिस ने फैक्ट्री नाका और दाघल चेकपॉइंट पर कई पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और परिवार के सदस्यों को रोक लिया. इमरान की बहनों को भी प्रवेश नहीं दिया गया.साथ ही इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
भाई की सेहत की भी खबर नहीं
अलीमा खान ने मीडिया से कहा कि इस धरने को तब तक बंद नहीं जाएगा जब तक उनके भाई से मुलाकात की मंजूरी नहीं मिलेगी. वहीं नोरीन ने आरोप लगाया है कि परिवार को इमरान खान की सेहत के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें सिर्फ पांच मिनट ही मुलाकात करने दे दी जाती तो वो शांति से लौट जातीं. नोरीन ने कहा, 'अगर हमें गिरफ्तार करना है तो करें लेकिन हम कहीं नहीं जाने वाले.'
इससे पहले डॉक्टर उजमा के अलावा उनकी दो और बहनों ने भाई इमरान पर पिछले हफ्ते अदियाला जेल के बाहर उन पर और उनके भाई के समर्थकों पर हुए 'क्रूर' पुलिस हमले की निष्पक्ष जांच की मांग की. खान की बहनें पीटीआई के दूसरे सदस्यों के साथ अदियाला जेल के बाहर डेरा डाले हुए थीं, क्योंकि उन्हें एक महीने तक उनसे मिलने नहीं दिया गया था. वो जेल के बाहर बैठी थीं, तभी पुलिस वाले उन पर टूट पड़े और उन्हें बुरी तरह पीटा.
पुलिस पर लगा बदसलूकी का आरोप
इमरान की बहन नोरीन ने पंजाब पुलिस चीफ उस्मान अनवर को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें खान की बहनों ने कहा कि हिंसा 'क्रूर और सोची-समझी थी और पुलिसवालों ने बिना किसी उकसावे के की.' नोरीन नियाजी ने कहा, 'हमने उनकी सेहत की चिंता में शांति से प्रोटेस्ट किया. हमने न तो सड़कें ब्लॉक कीं, न ही लोगों की आवाजाही में रुकावट डाली, और न ही कोई गैर-कानूनी काम किया. फिर भी, बिना किसी चेतावनी या उकसावे के, इलाके की स्ट्रीटलाइट अचानक बंद कर दी गईं जिससे जानबूझकर वहां अंधेरा छा गया. इसके बाद पंजाब पुलिस वालों ने बेरहमी से और सोची-समझी साजिश के तहत हमला किया.' उन्होंने कहा, '71 साल की उम्र में मुझे बालों से पकड़कर जमीन पर जोर से फेंका गया और सड़क पर घसीटा गया, जिससे मुझे चोटें आईं.'
लाहौर हाई कोर्ट करेगा अहम सुनवाई
इससे अलग डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर हाई कोर्ट ने जेल में बंद इमरान खान की उस रिट पिटीशन को फिर से कार्यवाही शुरू कर दी है जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज सभी केस को एक साथ करने की मांग की थी. यह याचिका असल में 2023 में फाइल की गई थी. लेकिन पहले प्रॉसिक्यूशन न होने की वजह से इसे खारिज कर दिया गया था. इससे पहले पेशी के दौरान एक लॉ ऑफिसर ने बेंच को बताया था कि पीटीआई फाउंडर के खिलाफ 9 मई की हिंसा से जुड़े 107 केस अभी भी पेंडिंग हैं.
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