पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर उबाल आने वाला है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के तोशाखाना-2 मामले में आई नई सजा के विरोध में उनकी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI), ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है. पीटीआई ने ऐलान किया है कि लाहौर के प्रसिद्ध लिबर्टी राउंडअबाउट से इस बड़े विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की जाएगी.
सीएम सोहेल अफरीदी संभालेंगे कमान
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस आंदोलन का नेतृत्व खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी करेंगे. पंजाब की मुख्य आयोजक आलिया हमजा मलिक ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं, टिकट धारकों और वकीलों को निर्देश दिया है कि वे बड़ी संख्या में लिबर्टी राउंडअबाउट पहुंचकर अफरीदी का स्वागत करें और इस मार्च को ऐतिहासिक बनाएं.
क्यों भड़की है विरोध की आग?
इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को इस मामले में मिली सजा को पीटीआई ने राजनीतिक बदला करार दिया है. पार्टी का दावा है कि यह लड़ाई सिर्फ इमरान खान के लिए नहीं, बल्कि देश में कानून और लोकतंत्र की बहाली के लिए है. जेल से भेजे संदेश में इमरान ने कहा, "बिना न्याय के आर्थिक विकास संभव नहीं है. पूरे देश को अपने हक के लिए सड़कों पर उतरना होगा. पिछले तीन सालों के बेबुनियाद फैसलों की तरह तोशाखाना-2 का फैसला भी जल्दबाजी में और बिना सबूतों के दिया गया है. मेरी लीगल टीम को सुना तक नहीं गया."
सड़कों पर समर्थक
बता दें कि इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं. उन पर भ्रष्टाचार से लेकर आतंकवाद तक के कई मामले चल रहे हैं. पीटीआई का कहना है कि लाहौर की सड़कों पर होने वाला यह मार्च हुकूमत के लिए कड़ी चुनौती साबित होगा. आलिया हमजा मलिक ने जोर देकर कहा कि लाहौर के मुख्य रास्तों को प्रदर्शनकारियों के हुजूम में बदलना इमरान खान के निर्देशों का पालन है.
क्या होगा अगला कदम?
पीटीआई की लीगल टीम इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी तरफ इंसाफ लॉयर्स फोरम को भी सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं. अब देखना यह होगा कि लाहौर में होने वाला यह शक्ति प्रदर्शन पाकिस्तान की राजनीति की दिशा बदलता है या नहीं.
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