
- पेरिस के लूव्र म्यूजियम में दिन के समय नकाबपोश चोरों ने चार मिनट के अंदर नौ कीमती ज्वेलरी चुरा लीं.
- चोरी हुए गहनों में नेपोलियन बोनापार्ट और महारानी यूजिनी के संग्रह के महत्वपूर्ण टुकड़े शामिल थे.
- चोरी लगभग म्यूजियम के पुलिस मुख्यालय से 800 मीटर दूर हुई, जिसकी कीमत लगभग दो सौ करोड़ रुपये बताई गई है.
फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई डकैती की कहानी जब आप सुनेंगे तो आपको लगेगा कि आप किसी हॉलीवुड या बॉलीवुड फिल्म के सीन के बारे में सुन रहे हैं. दिन के भरे उजाले में और सिर्फ सात मिनट के अंदर कम से कम तीन नकाबपोश चोरों ने रविवार 19 अक्टूबर को पेरिस के लूव्र म्यूजियम में धावा बोल दिया. चोर यहां से फ्रेंच क्राउन ज्वेल्स कलेक्शन से नौ कीमती चीजें चुराकर भाग गए. फ्रांस की सरकार ने क्या-क्या चोरी हुआ है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी लेकिन म्यूजियम को बंद कर दिया गया है.
म्यूजियम खुलते ही हुई डकैती
फ्रांस की कल्चर मिनिस्टर राचिदा दाती ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट लिखकर बताया, 'आज सुबह लूव्र म्यूजियम के खुलने पर एक डकैती हुई.' वहीं लूव्र की तरफ से कहा गया है कि वह 'खास वजहों से' आज के लिए बंद हो रहा है लेकिन क्या चोरी हुआ है, इस बारे में और जानकारी नहीं दी. हालांकि दाती ने यह दावा भी किया इस डकैती को सिर्फ चार मिनट के अंदर अंजाम दिया गया. अधिकारियों ने कहा, 'नेपोलियन और महारानी के आभूषण संग्रह से नौ पीसेज चोर लेकर भागे थे.
नेपोलियन बोनापार्ट का कलेक्शन
वहीं गृह मंत्री लॉरेंट नुनेज ने कहा कि तीन या चार चोर इस डकैती में शामिल थे. उन्होंने बताया कि अंदर आते ही उन्होंने तेजी से नौ ज्वेलरी चुरा लीं जिसमें नेपोलियन बोनापार्ट के कलेक्शन से एक टियारा और एक ब्रोच और महारानी यूजनी के गहने शामिल थे. अधिकारियों ने कंफर्म किया है कि चोरों ने अपोलो गैलरी में दो डिस्प्ले पर फोकस किया और नेपोलियन और महारानी यूजनी के ज्वेलरी कलेक्शन से नौ पीस चुरा लिए. इनमें से, महारानी के क्राउन समेत दो आइटम पहले ही मिल चुके हैं, जबकि एक नेकलेस, इयररिंग्स, एक ब्रोच और एक और क्राउन समेत बाकी चीजें अभी भी गायब हैं. दिलचस्प बात है कि यह लूट पेरिस पुलिस हेडक्वार्टर से सिर्फ 800 मीटर की दूरी पर हुई. बताया जा रहा है कि चोरी हुए सामान की कीमत 150 से 200 करोड़ रुपयों के बीच थी.
मुकुट में जड़े हीरा पन्ना
महारानी यूजनी के मुकुट का एक टुकड़ा बाद में संग्रहालय के पास पाया गया था. महारानी यूजनी वह नेपोलियन बोनापार्ट के भतीजे, सम्राट नेपोलियन III की पत्नी थीं. यह लूव्र म्यूजियम में सबसे कीमती आर्टिकल्स में से एक था. मुकुट में सुंदर सोने का काम और सुनहरे ईगल हैं, जिसमें चमकदार 1,354 हीरे और 56 पन्ने हैं. कीमती आभूषण 19वीं सदी के फ्रांसीसी शाही लग्जरी का प्रतीक हैं. अगस्त 1855 में मुख्य तौर पर अलेक्जेंडर-गेब्रियल लेमनियर की ओर से इस मुकुट को तैयार किया गया था. यह मुकुट प्रथम साम्राज्य के शाही हथियारों के पैटर्न पर आधारित है. मुकुट को कितना नुकसान हुआ है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. म्यूजियम की वेबसाइट के मुताबिक इस पर सुनहरे ईगल बने हैं और यह 1,354 हीरे और 56 पन्ने से जड़ा हुआ है.
जब फ्रेम से गायब हो गई थीं मोना लिसा
लूव्र खुद बहुत बड़ा है और यह 73,000 स्क्वेयर मीटर की एग्जिबिशन स्पेस में फैला है. सन् 1546 में इसे किंग फ्रांसिस I के लिए एक शाही महल के तौर पर बनाया गया था. यह फ्रेंच क्रांति के बाद एक पब्लिक म्यूजियम बन गया. आज यहां पर 35,000 से ज्यादा आर्टवर्क हैं और हर दिन लगभग 30,000 विजिटर आते हैं. म्यूजियम में पहले भी कई बार चोरी की कोशिशें हुई हैं. इनमें सबसे मशहूर चोरी सन् 1911 में हुई जब मोना लिसा अपने फ्रेम से गायब हो गई थी. इसे विन्सेन्जो पेरुगिया ने चुराया था जो पहले म्यूज़ियम में काम करता था. व्ह म्यूजियम के अंदर छिप गया था और पेंटिंग को अपने कोट के नीचे रखकर बाहर निकला था. पेंटिंग दो साल बाद फ्लोरेंस में मिली थी.
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