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पाकिस्तान के PM शहबाज ने क्रिसमस पर कही यह खास बात, राष्ट्रपति जरदारी ने जिन्ना को किया याद

Christmas 2025: आज यानी 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस का पावन त्योहार मनाया जा रहा है.

पाकिस्तान के PM शहबाज ने क्रिसमस पर कही यह खास बात, राष्ट्रपति जरदारी ने जिन्ना को किया याद
पाकिस्तान में मनाया गया क्रिसमस का त्योहार
  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने क्रिसमस के अवसर पर देश के ईसाई समुदाय को राष्ट्रीय ढांचे का अभिन्न हिस्सा बताया
  • राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने क्रिसमस पर सभी ईसाइयों को शांति, आशा और करुणा का संदेश देते हुए बधाई दी है
  • जरदारी ने मुहम्मद अली जिन्ना के संविधान सभा के भाषण का हवाला देते हुए धार्मिक स्वतंत्रता और समानता पर जोर दिया
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आज यानी 25 दिसंबर को पूरी दुनिया क्रिसमस का त्योहार मना रही है. ऐसे में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के ईसाई समुदाय को मुबारकबाद देते हुए कहा कि वे देश के राष्ट्रीय ढांचे के एक अभिन्न अंग हैं. उन्होंने अपने X हैंडल पर लिखा, "पाकिस्तान का ईसाई समुदाय हमारे राष्ट्रीय ढांचे का एक अभिन्न अंग है. शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक कल्याण में उनके स्थायी योगदान और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश के साथ उनके बलिदान को बहुत महत्व दिया जाता है और यह सामूहिक गर्व का स्रोत है."

उन्होंने दुनिया भर के ईसाई समुदाय और विशेष रूप से पाकिस्तान में ईसाई भाइयों और बहनों को अपनी "हार्दिक शुभकामनाएं" दीं. शहबाज शरीफ ने कहा, "यह त्योहारी मौसम दिलों को खुशियों से भर दे, सद्भाव के बंधन को मजबूत करे और सभी के लिए शांति, आशा और समृद्धि लाए."

वहीं पाकिस्तान के सरकार ब्रॉडकास्टर पीटीवी न्यूज के अनुसार, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी क्रिसमस पर पाकिस्तान और दुनिया भर के ईसाइयों को बधाई और शुभकामनाएं दीं. अपने संदेश में उन्होंने कहा, "क्रिसमस आशा, शांति और करुणा का समय है. यह मौसम मानवता के लिए प्यार और सेवा का संदेश लाता है जो हमें उन गहरे बंधनों की याद दिलाता है जो सभी लोगों को एकजुट करते हैं." 

उन्होंने 11 अगस्त, 1947 को पाकिस्तान की पहली संविधान सभा में मुहम्मद अली जिन्ना के संबोधन को भी याद करते हुए कहा कि उन्होंने सभी के लिए स्वतंत्रता और समानता वाले पाकिस्तान का एक सपना देखा था. उन्होंने अपने संदेश में जिन्ना के भाषण के एक अंश का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया था: "आप स्वतंत्र हैं. आप अपने मंदिरों में जाने के लिए स्वतंत्र हैं. आप इस पाकिस्तान देश में अपनी मस्जिदों या किसी अन्य पूजा स्थल पर जाने के लिए स्वतंत्र हैं. आप किसी भी धर्म, जाति या पंथ से संबंधित हो सकते हैं - जिसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है."

हालांकि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक कितने सुरक्षित हैं, यह तो दुनिया जानती है.

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