आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्‍तान को नहीं मिल रही राहत, IMF ने अगले हफ्ते होने वाली बातचीत से पहले रखी कई शर्तें

आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्‍तान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने नीति स्‍तरीय बातचीत से पहले पाकिस्‍तान के सामने नई शर्तें रखी हैं.

आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्‍तान को नहीं मिल रही राहत, IMF ने अगले हफ्ते होने वाली बातचीत से पहले रखी कई शर्तें

पाकिस्‍तान हालिया दौर में बड़े आर्थ‍िक संकट से गुजर रहा है. (प्रतीकात्‍मक)

इस्लामाबाद:

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने पाकिस्तान (Pakistan) के साथ "कठिन वार्ता" का पहला दौर समाप्त कर लिया है. इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा है कि वह नौ टेबल के आधार पर फंड का आवंटन करेगा, जिसमें व्‍यापक आर्थिक और राजकोषीय ढांचा शामिल है. इसी के आधार पर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ अगले हफ्ते नीति निर्धारण को लेकर बातचीत होगी. यदि पाकिस्‍तान और आईएमएफ 9 फरवरी तक सहमति पर पहुंचते हैं तो कर्मचारी स्‍तर के समझौते पर हस्‍ताक्षर किए जाएंगे. 

जियो न्यूज की खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर व्यापक आर्थिक ढांचे को संशोधित किया है और इसे आईएमएफ के साथ साझा किया है, जिसके तहत वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 5 प्रतिशत से घटकर 1.5 से 2 प्रतिशत तक रहने  और चालू वित्त वर्ष में महंगाई 12.5 प्रतिशत से बढ़कर 29 प्रतिशत होने का अनुमान है. 

जियो न्‍यूज के मुताबिक, फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्‍यू ऑफ पाकिस्‍तान के कर संग्रह लक्ष्य में वृद्धि की संभावना है, लेकिन अतिरिक्त कराधान का सटीक स्तर IMF मिशन के द्वारा तैयार की गई नौ टेबल को प्राप्त करने के बाद ही निर्धारित किया जाएगा, जिसे मेमोरेंडम ऑफ फाइनेंशियल के मसौदे और आर्थिक नीतियों के तहत सोमवार को पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ साझा किया जाएगा. 

सूत्रों ने द न्यूज इंटरनेशनल से बात करते हुए इसकी पुष्टि की है कि आईएमएफ ने कराधान और गैर-कराधान मोर्चों पर राजकोषीय अंतर को पाटने के लिए सबसे कठिन विकल्पों का सुझाव दिया है. विभिन्न प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है जिसमें राष्ट्रपति के अध्यादेश के माध्यम से पेट्रोलियम लेवी को 20-30 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाना, मौजूदा सीमा को 50 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 70-80 रुपये प्रति लीटर करना या पीओएल उत्पादों पर 17 प्रतिशत जीएसटी लगाना या जीएसटी में एक प्रतिशत से 17 से 18 प्रतिशत की दर से वृद्धि करना शामिल है. 

दूसरी ओर, आईएमएफ ने गुणात्मक, पर्याप्त और टिकाऊ आधार पर अतिरिक्त कर लगाने के लिए कहा है जिसे वापस नहीं लिया जाना चाहिए. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)