हैदराबाद:
पाकिस्तान के उच्चायुक्त सलमान बशीर ने अपनी सरजमीं से जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में उग्रवादियों की घुसपैठ की रिपोर्ट को ‘बेबुनियाद’ बताते हुए उन्हें खारिज कर दिया और कहा कि यह ‘बहुत ही नकारात्मक विमर्श’ है।
बशीर ने भारतीय मीडिया पर प्रहार किया कि पाकिस्तान की लानत-मलामत, मजे लेने का उसका सबसे पसंदीदा तरीका है और कुछ खबरिया चैनलों ने इससे ‘अच्छा कारोबार’ किया है। उन्होंने कहा कि उनका देश तमाम मुद्दे हल करने के लिए भारत के साथ ‘व्यापक, विविध, निष्ठापूर्ण और स्पष्ट-दृष्टि’ वाली वार्ता के लिए तैयार है।
तीन दिन के दौरे पर हैदराबाद आए बशीर ने कहा, ‘अगर भारत के लिए मुद्दे हैं, हमें भी बराबर की चिंताएं हैं। आएं हम एक-दूसरे की चिंताएं दूर करें और आगे बढ़ने का तर्कपूर्ण और तार्किक रास्ता, सभ्य रास्ता वार्ता करना है। पाकिस्तान इसके लिए तैयार है।’ बशीर ने दोनों देशों पर नियंत्रण रेखा से लगे इलाके में संघर्षविराम को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने पाकिस्तान से भारतीय सरजमीं में आतंकवादियों की ‘घुसपैठ’ की रिपोर्ट को ‘निराधार’ करार देते हुए उनसे इनकार किया।
पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, ‘दोनों तरफ दोस्ती बनाने और रिश्ते सुधारने की इच्छा और संकल्प है। यह न्यूयार्क में दोनो देशों के प्रधानमंत्रियों की हाल की बैठक में दिखा। इसके लिए और तमाम मुद्दों को हल करने के लिए एक तार्किक रास्ता वार्ता का है। यह दोनों देशों के विकास के लिए अनिवार्य है।’
बशीर ने भारतीय मीडिया पर प्रहार किया कि पाकिस्तान की लानत-मलामत, मजे लेने का उसका सबसे पसंदीदा तरीका है और कुछ खबरिया चैनलों ने इससे ‘अच्छा कारोबार’ किया है। उन्होंने कहा कि उनका देश तमाम मुद्दे हल करने के लिए भारत के साथ ‘व्यापक, विविध, निष्ठापूर्ण और स्पष्ट-दृष्टि’ वाली वार्ता के लिए तैयार है।
तीन दिन के दौरे पर हैदराबाद आए बशीर ने कहा, ‘अगर भारत के लिए मुद्दे हैं, हमें भी बराबर की चिंताएं हैं। आएं हम एक-दूसरे की चिंताएं दूर करें और आगे बढ़ने का तर्कपूर्ण और तार्किक रास्ता, सभ्य रास्ता वार्ता करना है। पाकिस्तान इसके लिए तैयार है।’ बशीर ने दोनों देशों पर नियंत्रण रेखा से लगे इलाके में संघर्षविराम को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने पाकिस्तान से भारतीय सरजमीं में आतंकवादियों की ‘घुसपैठ’ की रिपोर्ट को ‘निराधार’ करार देते हुए उनसे इनकार किया।
पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, ‘दोनों तरफ दोस्ती बनाने और रिश्ते सुधारने की इच्छा और संकल्प है। यह न्यूयार्क में दोनो देशों के प्रधानमंत्रियों की हाल की बैठक में दिखा। इसके लिए और तमाम मुद्दों को हल करने के लिए एक तार्किक रास्ता वार्ता का है। यह दोनों देशों के विकास के लिए अनिवार्य है।’
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