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श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर 2009 में हुए हमले में कथित भागीदारी के आरोपी आतंकवादी की पंजाब में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई। उसकी शिनाख्त अब्दुल गफार कैसरानी उर्फ सैफुल्लाह के रूप में की गई है।
पुलिस ने लाहौर से 400 किलोमीटी दूर गाजी घाट ब्रिज पर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। एक बस की चेकिंग के समय एक यात्री ने भागने की कोशिश की। पुलिस और उसके बीच गोलीबारी हुई, जिसमें उस व्यक्ति की मौत हो गई। उसकी शिनाख्त अब्दुल गफार कैसरानी उर्फ सैफुल्लाह के रूप में की गई है। उसके सामान में से एक ग्रेनेड और दो बंदूकें मिली हैं।
वह प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान का सदस्य था और आतंकवादी संगठन मतीउल्लाह समूह के लिए भी काम करता था। अधिकारियों ने बताया कि उसका काम बैंक लूटकर आतंकवादियों के लिए पैसों का इंतजाम करना था। उसे अफगानिस्तान में प्रशिक्षण मिला था।
एसएसपी गौहर नफीस ने कहा कि पुलिस ने मुल्तान ने बड़ा आतंकवादी हमला बचा लिया, क्योंकि आतंकवादी की नजरें संवेदनशील ठिकानों पर थी। श्रीलंकाई टीम की बस पर लाहौर में मार्च, 2009 में हमला हुआ था। इसमें आठ लोग मारे गए और श्रीलंका के सात खिलाड़ी घायल हुए थे।
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