
जानमाल का सबसे अधिक नुकसान रांगामाटी पर्वतीय जिले में हुआ है (फोटो : एएफपी)
ढाका:
बांग्लादेश में मूसलाधार बारिश की वजह से जगह-जगह हुई भूस्खलन की घटनाओं में कई सैन्य अधिकारियों सहित कम से कम 105 लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि जानमाल का सबसे अधिक नुकसान रांगामाटी पर्वतीय जिले में हुआ है, जहां 76 लोगों के मरने की खबर है. मरने वालों में कम से कम चार सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं.
आपदा मोचन मंत्रालय के सचिव एम शाह कमाल ने कहा, 'हम 51 लोगों के मरने की पुष्टि कर सकते हैं. पुष्टि होने के साथ मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.' सेना के एक प्रवक्ता ने ढाका में कहा, 'अब तक हम आपको यह पुष्टि कर सकते हैं कि हमारे दो सैन्य अधिकारी उस समय मारे गए और कई अन्य घायल हो गए जब वे ड्यूटी पर थे.'
उन्होंने बताया कि सेना की एक टीम रांगामाटी से बंदरगाह शहर को जोड़ने वाली सड़क को खोलने के लिए तैनात की गई थी. यह सड़क रात में हुए भूस्खलन के चलते अवरुद्ध हो गई थी. जब सेना की टीम सड़क को खोलने का काम कर रही थी तभी ताजा भूस्खलन हो गया और सैनिक मलबे में दब गए.
स्थानीय मीडिया के अनुसार भूस्खलन की चपेट में आए कई लोग रांगामाटी और बंदरबन में जातीय अल्पसंख्यक या जनजातीय समूहों से हैं जो पर्वतीय क्षेत्रों में अस्थाई मकानों में रहते हैं.
आपदा प्रबंधन मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'राहत अभियान जारी है. मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि अनेक लोग लापता हैं. अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन के वक्त ज्यादातर लोग सोए हुए थे जिससे अधिक जनहानि हुई, खासकर बच्चों के मामले में.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आपदा मोचन मंत्रालय के सचिव एम शाह कमाल ने कहा, 'हम 51 लोगों के मरने की पुष्टि कर सकते हैं. पुष्टि होने के साथ मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.' सेना के एक प्रवक्ता ने ढाका में कहा, 'अब तक हम आपको यह पुष्टि कर सकते हैं कि हमारे दो सैन्य अधिकारी उस समय मारे गए और कई अन्य घायल हो गए जब वे ड्यूटी पर थे.'
उन्होंने बताया कि सेना की एक टीम रांगामाटी से बंदरगाह शहर को जोड़ने वाली सड़क को खोलने के लिए तैनात की गई थी. यह सड़क रात में हुए भूस्खलन के चलते अवरुद्ध हो गई थी. जब सेना की टीम सड़क को खोलने का काम कर रही थी तभी ताजा भूस्खलन हो गया और सैनिक मलबे में दब गए.
स्थानीय मीडिया के अनुसार भूस्खलन की चपेट में आए कई लोग रांगामाटी और बंदरबन में जातीय अल्पसंख्यक या जनजातीय समूहों से हैं जो पर्वतीय क्षेत्रों में अस्थाई मकानों में रहते हैं.
आपदा प्रबंधन मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'राहत अभियान जारी है. मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि अनेक लोग लापता हैं. अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन के वक्त ज्यादातर लोग सोए हुए थे जिससे अधिक जनहानि हुई, खासकर बच्चों के मामले में.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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