- बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण शेख हसीना के खिलाफ मामले में फैसला 17 नवंबर को सुनाएगा
- अवामी लीग ने ढाका में लॉकडाउन बुलाया है लेकिन राजधानी में दंगे जैसे हालात हैं
- अवामी लीग के ऑफिस में आग लगाने की घटना हुई, लगता है कि पुलिस और सेना दंगाइयों को काबू नहीं कर पाई है
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) ने गुरुवार, 13 नवंबर को घोषणा की कि वह मानवता के विरुद्ध अपराध के मामले में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ 17 नवंबर को फैसला सुनाएगा. वहीं देश की राजधानी ढाका में दंगे जैसे हालात देखने को मिले हैं. एक तरफ तो अवामी लीग ने विरोध के रूप में गुरुवार को पूरे ढाका में "लॉकडाउन" का आह्वान किया है. वहीं दूसरी तरफ ढाका के गुलिस्तान इलाके में मौजूद अवामी लीग के ऑफिस में दंगाइयों ने आग लगा दी है. पिछले साल भी अवामी लीग सरकार के सत्ता से हटने के बाद इस इमारत में आग लगा दी गई थी.
बांग्लादेश में सख्त सुरक्षा तैनात की गई है, देशभर में पुलिस अलर्ट मोड में है. लेकिन लगता है कि दंगाइयों को रोकने में पुलिस नाकाम रही है.
गौरतलब है कि शेख हसीना, अपदस्थ अवामी लीग सरकार में उनके गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (IGP) या पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाया गया है. पूर्व प्रधानमंत्री और कमाल पर उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया गया और अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है.
शेख हसीना और उनके 2 सहयोगियों पर क्या आरोप है?
हसीना और उनके दो अन्य सहयोगियों पर पांच मामलों के तहत अपराध करने का आरोप लगाया गया था. पहले मामले में तीनों पर हत्या, हत्या का प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कामों का आरोप लगाया गया है. दूसरी मामले में हसीना पर प्रदर्शनकारियों को "साफ करने" का आदेश देने का आरोप लगाया गया है. तीसरे मामले में, उन पर भड़काऊ टिप्पणी करने और प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश देने का आरोप लगाया गया है.
बाकी मामलों के तहत, तीनों पर ढाका और उसके उसपास छात्रों सहित छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया गया है.
बांग्लादेश में आज अवामी लीग का विरोध-प्रदर्शन
बांग्लादेश की राजधानी में गुरुवार को अवामी लीग द्वारा "ढाका लॉकडाउन" के आह्वान के बात कड़ी सुरक्षा तैनात की गई है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार ढाका में ICT-BD के परिसर में और उसके आसपास सुरक्षा घेरा फैलाने के लिए सेना के जवानों, अर्धसैनिक सीमा गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और दंगा गियर में पुलिस को बुलाया गया है.
वहीं अवामी लीग ने एक बयान में कहा है, "आप जानते हैं कि आज, 13 नवंबर को, बांग्लादेश अवामी लीग ने "ढाका लॉकडाउन" कार्यक्रम की घोषणा की है. यूनुस और उनके साथियों के अवैध, हड़पने वाले, फासीवादी शासन ने अवामी लीग को उसके लोकतांत्रिक अधिकारों से अन्यायपूर्ण ढंग से वंचित किया है और उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है. इसके अलावा, वे झूठे और परेशान करने वाले मामलों के माध्यम से न्याय का मजाक उड़ा रहे हैं."
प्रत्यक्षदर्शियों और मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि ढाका की सड़कें असामान्य रूप से खाली दिख रही थीं. हालांकि कई यात्री अपने घरों से बाहर निकले और सावधानी से ऑफिस और स्कूलों की ओर जा रहे थे. हालांकि, प्राइवेट यूनिवर्सिटीज सहित कई प्राइवेट संस्थानों ने हिंसा फैलने के डर से ऑनलाइन काम करने का विकल्प चुना.
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