इस्लामाबाद:
एक सांसद के रूप में अपनी पिछली पारी के 14 वर्षों बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में वापसी की। पाकिस्तान के 66 वर्षों के इतिहास में हुए पहले लोकतांत्रिक सत्ता परिवर्तन में नवाज शरीफ और अन्य सांसदों ने शपथ ग्रहण की।
कड़ी सुरक्षा के बीच दोपहर को जुटी नई नेशनल असेंबली में शरीफ और अन्य सांसदों को नेशनल असेंबली की सेवामुक्त हो रहीं अध्यक्ष फहमीदा मिर्जा ने शपथ दिलाई।
कौमी असेंबली के सत्र में शामिल होने के लिए पीएमएल-एन प्रमुख शरीफ ने अपने करीबी सहयोगियों के साथ लाहौर से रावलपिंडी के लिए उड़ान भरी। इसके बाद वे कार से कौमी असेंबली पहुंचे। नई कौमी असेंबली के इस सत्र में शरीफ रेकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे।
इस्लामाबाद के मध्य में स्थित इस ‘रेड जोन’ की सुरक्षा के लिए सैंकड़ों सुरक्षाकर्मी तैनात थे और सेना के हेलीकॉप्टर शहर की हवाई निगरानी कर रहे थे।
सफेद रंग का सलवार-कमीज पहने 63 वर्षीय शरीफ ने स्लेटी रंग का वेस्टकोट पहना हुआ था। शरीफ सदन की पहली पंक्ति में पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता चौधरी निसार अली खान के साथ बैठे।
कुरान की आयतें पढ़ने के बाद सेवामुक्त हो रहीं अध्यक्ष ने सांसदों को शपथ दिलवाई।
मिर्जा ने यह घोषणा करी कि नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष आगामी 3 जून को चुने जाएंगे। उसके बाद उन्होंने नए सदस्यों को कौमी असेंबली की नामावली पर दस्तखत करने के लिए बुलाया।
प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव आगामी 5 जून को होने हैं। 342 सदस्यीय कौमी असेंबली में पीएमएल-एन के 180 से भी ज्यादा सदस्य होने के कारण सदन के नेता के रूप में शरीफ का चयन लगभग तय ही माना जा रहा है।
रावलपिंडी हवाईअड्डे पर मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में शरीफ ने बीते 11 मई को हुए आम चुनावों के जरिये ‘शांतिपूर्ण सत्तापरिवर्तन’ पर संतोष जाहिर किया। पाकिस्तान के लोगों को चुनावों के जरिये एक बदलाव लाने का अवसर देने के लिए उन्होंने ईश्वर का धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस आंदोलन में मेरी और मेरी पार्टी की भूमिका होना सौभाग्य की बात है। यह बहुत अच्छी बात है कि पाकिस्तान में शांतिपूर्ण ढंग से सत्तापरिवर्तन हो रहा है।’’ सफेद रंग की गाड़ी से इस्लामाबाद के लिए रवाना होने से पहले शरीफ ने कहा, ‘‘ईश्वर ने चाहा तो भविष्य में और भी शांतिपूर्ण सत्तापरिवर्तन होंगे, जहां सरकारें लोगों के मतों के जरिए आएंगी और जाएंगी। इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है?’’ इस्लामाबाद पहुंचने पर शरीफ ने पीएमएल-एन के नवनिर्वाचित सांसदों की एक बैठक की अध्यक्षता की।
शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएल-एन सरकार को वर्ष 1999 में पूर्व सैन्य प्रमुख परवेज मुशर्रफ की अगुवाई में सत्ता से हटा दिया गया था। शरीफ को गिरफ्तार करके निर्वासन में सउदी अरब भेज दिया गया था।
वर्ष 2007 में शरीफ पाकिस्तान लौट आए थे लेकिन वर्ष 2008 में हुए आम चुनावों में उन्हें चुनाव लड़ने नहीं दिया गया। संसद भवन के भीतर और बाहर के सभी स्थान नवनिर्वाचित सदस्यों, राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के वाहनों से भरे पड़े थे।
इस पूरी कार्यवाही का साक्षी बनने के लिए कई वरिष्ठ लोकाधिकारी, सैन्य अधिकारी और कूटनीतिज्ञ भी आए हुए थे।
कड़ी सुरक्षा के बीच दोपहर को जुटी नई नेशनल असेंबली में शरीफ और अन्य सांसदों को नेशनल असेंबली की सेवामुक्त हो रहीं अध्यक्ष फहमीदा मिर्जा ने शपथ दिलाई।
कौमी असेंबली के सत्र में शामिल होने के लिए पीएमएल-एन प्रमुख शरीफ ने अपने करीबी सहयोगियों के साथ लाहौर से रावलपिंडी के लिए उड़ान भरी। इसके बाद वे कार से कौमी असेंबली पहुंचे। नई कौमी असेंबली के इस सत्र में शरीफ रेकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे।
इस्लामाबाद के मध्य में स्थित इस ‘रेड जोन’ की सुरक्षा के लिए सैंकड़ों सुरक्षाकर्मी तैनात थे और सेना के हेलीकॉप्टर शहर की हवाई निगरानी कर रहे थे।
सफेद रंग का सलवार-कमीज पहने 63 वर्षीय शरीफ ने स्लेटी रंग का वेस्टकोट पहना हुआ था। शरीफ सदन की पहली पंक्ति में पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता चौधरी निसार अली खान के साथ बैठे।
कुरान की आयतें पढ़ने के बाद सेवामुक्त हो रहीं अध्यक्ष ने सांसदों को शपथ दिलवाई।
मिर्जा ने यह घोषणा करी कि नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष आगामी 3 जून को चुने जाएंगे। उसके बाद उन्होंने नए सदस्यों को कौमी असेंबली की नामावली पर दस्तखत करने के लिए बुलाया।
प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव आगामी 5 जून को होने हैं। 342 सदस्यीय कौमी असेंबली में पीएमएल-एन के 180 से भी ज्यादा सदस्य होने के कारण सदन के नेता के रूप में शरीफ का चयन लगभग तय ही माना जा रहा है।
रावलपिंडी हवाईअड्डे पर मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में शरीफ ने बीते 11 मई को हुए आम चुनावों के जरिये ‘शांतिपूर्ण सत्तापरिवर्तन’ पर संतोष जाहिर किया। पाकिस्तान के लोगों को चुनावों के जरिये एक बदलाव लाने का अवसर देने के लिए उन्होंने ईश्वर का धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस आंदोलन में मेरी और मेरी पार्टी की भूमिका होना सौभाग्य की बात है। यह बहुत अच्छी बात है कि पाकिस्तान में शांतिपूर्ण ढंग से सत्तापरिवर्तन हो रहा है।’’ सफेद रंग की गाड़ी से इस्लामाबाद के लिए रवाना होने से पहले शरीफ ने कहा, ‘‘ईश्वर ने चाहा तो भविष्य में और भी शांतिपूर्ण सत्तापरिवर्तन होंगे, जहां सरकारें लोगों के मतों के जरिए आएंगी और जाएंगी। इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है?’’ इस्लामाबाद पहुंचने पर शरीफ ने पीएमएल-एन के नवनिर्वाचित सांसदों की एक बैठक की अध्यक्षता की।
शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएल-एन सरकार को वर्ष 1999 में पूर्व सैन्य प्रमुख परवेज मुशर्रफ की अगुवाई में सत्ता से हटा दिया गया था। शरीफ को गिरफ्तार करके निर्वासन में सउदी अरब भेज दिया गया था।
वर्ष 2007 में शरीफ पाकिस्तान लौट आए थे लेकिन वर्ष 2008 में हुए आम चुनावों में उन्हें चुनाव लड़ने नहीं दिया गया। संसद भवन के भीतर और बाहर के सभी स्थान नवनिर्वाचित सदस्यों, राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के वाहनों से भरे पड़े थे।
इस पूरी कार्यवाही का साक्षी बनने के लिए कई वरिष्ठ लोकाधिकारी, सैन्य अधिकारी और कूटनीतिज्ञ भी आए हुए थे।
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