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12 साल पहले 36 करोड़ की फिल्म ने कमाए 105 करोड़, AI से की गई छेड़छाड़, गुस्साए डायरेक्टर बोले-विश्वासघात

फिल्म निर्माता आनंद एल राय ने अपनी फिल्म रांझणा के एआई-एडिटेड वर्जन पर कड़ी आपत्ति जताई है. अंबिकापथी नाम के इस फिल्म का तमिल संस्करण 1 अगस्त को सिनेमाघरों में फिर से रिलीज़ होने वाला है.

12 साल पहले 36 करोड़ की फिल्म ने कमाए 105 करोड़, AI से की गई छेड़छाड़, गुस्साए डायरेक्टर बोले-विश्वासघात
आनंद एल राय ने 'रांझणा' की AI वर्जन पर जताई नाराज़गी
नई दिल्ली:

फिल्म निर्माता आनंद एल राय ने अपनी फिल्म रांझणा के एआई-एडिटेड वर्जन पर कड़ी आपत्ति जताई है. अंबिकापथी नाम के इस फिल्म का तमिल संस्करण 1 अगस्त को सिनेमाघरों में फिर से रिलीज़ होने वाला है, जिसका अंत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके एक सुखद अंत के साथ किया गया है. प्रोडक्शन बैनर इरोस इंटरनेशनल ने निर्देशक की सहमति के बिना ही फिल्म को डिजिटल रूप से नया रूप दिया है. इंस्टाग्राम पर शेयर की गई एक पोस्ट में आनंद एल राय ने इसे विचलित करने वाला और परेशान करने वाला बदलाव बताया. 

फिल्म निर्माता आनंद एल राय ने आखिरकार अपनी 2013 की कल्ट क्लासिक 'रांझणा' के एक विवादित AI एडिटेड वर्जन पर चुप्पी तोड़ी है, जो उनकी अनुमति के बिना प्रसारित किया जा रहा है. उन्होंने इस अनुभव को 'विनाशकारी' और 'आहत करने वाला' बताया है. आज जारी एक तीखे और भावनात्मक बयान में फिल्म निर्माता ने अपने रचनात्मक कार्य पर 'लापरवाही से कब्जा' किए जाने पर अपना आक्रोश जताया. साथ ही, उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री और दर्शकों से मिले समर्थन के लिए आभार भी जताया. 

निर्देशक ने सोशल मीडिया पर फिल्म के सेट से अपने रांझणा स्टार धनुष और सोनम कपूर की एक तस्वीर शेयर की और बताया कि पिछले तीन हफ्तों ने उन पर और उनकी टीम पर कितना भावनात्मक असर डाला है. उन्होंने लिखा, 'पिछले तीन हफ्ते किसी बुरे सपना और बेहद परेशान करने वाले रहे हैं. संवेदनशीलता, संघर्ष, सहयोग और रचनात्मक जोखिम से जन्मी फिल्म रांझणा को बिना मेरी जानकारी या सहमति के बिना बदला, रीपैकेज किया और फिर से रिलीज होते देखना बेहद निराशाजनक रहा है. जो चीज इसे और भी दुखद बनाती है, वह है जिस लापरवाही से इसे अंजाम दिया गया है.'

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान फिल्म इंडस्ट्री और दर्शकों से मिले समर्थन ने उन्हें भावनात्मक सहारा दिया. इन सबके बीच, इंडस्ट्री, हमारे दर्शकों और व्यापक रचनात्मक समुदाय से मिला समर्थन और एकजुटता मुझे यह याद दिलाता रहा कि 'रांझणा' असल में किन मूल्यों का प्रतीक थी, संबंध, साहस और सच्चाई. इसके लिए मैं दिल से आभारी हूं.'

आनंद एल राय ने पूरी स्पष्टता से कहा, 'मैं 'रांझणा' के AI-संशोधित संस्करण का समर्थन नहीं करता और न ही उसे मान्यता देता हूं. यह पूरी तरह अनधिकृत है. इसमें मेरा कोई भी योगदान नहीं था, और न ही उस टीम का जिसने यह फिल्म बनाई थी. यह चाहे जो भी दावा करे, यह वह फिल्म नहीं है जिसे हमने बनाया था या बनाना चाहा था. हमारे लिए यह सिर्फ एक फिल्म नहीं थी. इसे इंसानी हाथों, इंसानी खामियों और भावनाओं ने आकार दिया है. अब जो प्रसारित किया जा रहा है, वह कोई श्रद्धांजलि नहीं है. यह एक लापरवाही भरा कब्जा है जो इस रचना के उद्देश्य, हमारी मेहनत, उसकी भावना, उसके सन्दर्भ और इसकी आत्मा को नष्ट कर देता है.'

इस घटना पर गहरी निराशा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, 'यह सोचना कि हमारी मेहनत को एक मशीन से बदल दिया जा सकता है और उसे इनोवेशन के नाम पर परोसा जा सकता है, यह अत्यंत अपमानजनक है. एक फिल्म की भावनात्मक विरासत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चादर में लपेटकर, बिना अनुमति के पेश करना, यह कोई रचनात्मक कार्य नहीं है. यह हमारे द्वारा बनाई गई हर चीज के साथ घोर विश्वासघात है.'

उन्होंने अपनी पूरी टीम लेखक, अभिनेता, संगीतकार, गीतकार, तकनीशियन और रांझणा बनाने वाली टीम की ओर से निष्कर्ष में कहा, और इस बात पर जोर दिया कि 'हममें से किसी से भी कोई सलाह नहीं ली गई. हमारी किसी की बात नहीं सुनी गई. अगर रांझणा आपके लिए कुछ मायने रखती है, जैसा कि हमारे लिए थी, तो कृपया जान लें कि यह एआई परिवर्तित संस्करण यह नहीं दर्शाता कि हम कौन थे. न ही यह हमारे द्वारा बनाई गई फिल्म की भावना को दर्शाता है.'

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