काठमांडू: नेपाल के शीर्ष राजनेताओं ने शनिवार को कहा कि सत्ताधारी गठबंधन की एक पार्टी के सरकार से समर्थन वापस ले लेने पर प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड' को प्रतिनिधि सभा में एक बार फिर विश्वास मत हासिल करने की जरूरत है. सीपीएन-माओवादी सेंटर के मुख्य सचेतक हितराज पांडेय ने कहा कि सत्ताधारी गठबंधन के शीर्ष नेताओं द्वारा यह निर्णय बालुवातार स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास में हुई बैठक में लिया गया.
इस बैठक में पांच दलों के गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया, जिसमें प्रचंड के अलावा नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, सीपीएन-यूनीफाइड सोशलिस्ट के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल और जनता समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र यादव शामिल हैं. पांडेय ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि रवि लामिछाने के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेने के बावजूद प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार के पास 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में पर्याप्त बहुमत है.
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि प्रधानमंत्री को प्रतिनिधि सभा में फिर से विश्वासमत हासिल करने की जरूरत है. सत्ता के बंटवारे को लेकर प्रचंड के साथ वार्ता के विफल होने पर राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने शुक्रवार को सरकार से समर्थन वापस ले लिया और आरोप लगाया कि प्रचंड सरकार भ्रष्टाचार को दूर करने में नाकाम रही. नेपाल की संसद में आरएसपी चौथी सबसे बड़ी पार्टी है जिसके पास 22 सदस्य हैं.
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