अमेरिकी आतंरिक्ष एजेंसी नासा शनिवार को आर्टेमिस 1 मिशन को दोबारा लॉन्च करने का प्रयास करेगा. यह नासा का दूसरा प्रयास होगा. अंतरिक्ष कंपनी ने कहा कि तकनीकी समस्याओं के शुरुआती प्रयास के पटरी से उतरने के पांच दिन बाद इस शनिवार को सिस्टम एक मून रॉकेट लॉन्च करेगा.अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने फैसला किया कि पहले प्रयास में देरी अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर ले जाने वाला एक रॉकेट 50 साल में इंजन फेल होने के कारण लॉन्च किया जाएगा.
सोमवार को इसमें कुछ तकनीकी कमियां पाई गई थीं. इस पर प्रबंधकों ने मंगलवार को कहा कि वे समस्या से निपटने के लिए ईंधन भरने की प्रक्रिया में बदलाव कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सोमवार को हटाए गए रिलीज के लिए एक खराब सेंसर जिम्मेदार था.
नासा के रॉकेट प्रोग्राम मैनेजर जॉन हनीकट ने शनिवार को लॉन्च की शुरुआत करते हुए कहा कि अगर समस्या फिर से सामने आती है और उलटी गिनती फिर से बंद हो जाती है तो यह अतिरिक्त अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा. उन्होंने कहा, “तकनीकी टीम से आज मैंने जो सुना है, उसके आधार पर हमें डेटा में ड्रिल-डाउन जारी रखना है और फ्लाइट इंटेलिजेंस को एक साथ रखने की हमारी योजना को परिष्कृत करना है.
322 फुट (98 मीटर) रॉकेट, जो अब तक नासा द्वारा बनाया गया सबसे शक्तिशाली है, जिसको शनिवार को केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा. एक स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट चंद्रमा के चारों ओर कैप्सूल भेजने का प्रयास करेगा. इस बोर्ड पर नहीं आदमी नहीं होगा. सिर्फ तीन टेस्ट डमी भेजे जाएंगे. अगर यह सफल रहा तो यह 50 साल पहले नासा के अपोलो कार्यक्रम के बाद से चांद पर जाने वाला पहला कैप्सूल होगा.शनिवार दोपहर को लॉन्च के प्रयास से आधे घंटे पहले कूलिंग ऑपरेशन होगा और उस सुबह ईंधन भरना शुरू हो जाएगा. पिछले साल के सफल परीक्षण के दौरान इंजन का कूलडाउन समय जल्दी था, इसलिए इसे जल्द ही करना चाल चल सकता है.
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