इस्लामाबाद:
पाकिस्तानी प्रशासन ने मुंबई हमला मामले में संलिप्तता के आरोपी लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी और छह अन्य संदिग्धों से पूछताछ करने के लिए अपना जांच आयोग इस्लामाबाद भेजने के भारत के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। डॉन अखबार के अनुसार, पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत हम भारतीय जांचकर्ताओं को न्यायिक हिरासत में रखे गये सात आरोपियों से पूछताछ करने की इजाजत दे सकें। भारत ने एक आधिकारिक पत्र भेजकर वर्ष 2008 के मुंबई हमलों की जांच से जुड़े अहम अधिकारियों से सवालात करने के लिए पाकिस्तानी आयोग भेजने की अनुमति देने की इच्छा जाहिर की थी। इसी पत्र में भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि वह भी अपने दल को इस्लामाबाद आकर सात आरोपियों से पूछताछ करने की इजाजत दे। गृह मंत्री पी चिदंबरम ने मीडिया से दो मार्च को कहा था कि भारत ने पाकिस्तान से यह अनुरोध किया है कि वह संदिग्धों से पूछताछ करने के लिये भारत से एक दल को अपने देश में आने देने की सहमति जताये। मुंबई हमलों की जांच कर रही पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी के प्रमुख वाजिद जिया ने गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ को जवाब भेज दिया है जिसे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के पास भेजा जा चुका है ताकि फैसले के बारे में भारतीय प्रशासन को अवगत कराया जा सके। सूत्रों ने अखबार डॉन को बताया कि जिया का लिखा पत्र कहता है कि पाकिस्तान ने हमलों के दौरान गिरफ्त में आये एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब का बयान दर्ज करने वाले मजिस्ट्रेट सहित अन्य लोगों से पूछताछ करने के लिये अपना एक आयोग भारत भेजने का अनुरोध आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 503, 505 और 507 के तहत किया था। यह पत्र यह भी कहता है कि सातों पाकिस्तानी आरोपी लखवी, हमद अमीन सादिक, मजहर इकबाल उर्फ अबु अल कामा, अब्दुल वजीद उर्फ जरार शाह, मोहम्मद यूनुस अंजुम, शाहिद जमील रियाज और जमील अहमद को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, पत्र में इन संदिग्धों से पूछताछ करने के भारत के अनुरोध के कानूनी आधार के बारे में भी सवाल किये गये हैं। ये सातों संदिग्ध रावलपिंडी स्थित अडियाला जेल में बंद हैं।