इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलने से थोड़ी निराश किशोर उम्र की पाकिस्तानी कार्यकर्ता मलाला युसूफजई ने कहा कि उसे अभी बहुत काम करने की जरूरत है।
पिछले साल तालिबान के हमले की शिकार हुई मलाला ने इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) को दिए जाने की घोषणा के बाद एक समाचार चैनल से कहा, उन्होंने (नोबेल शांति पुरस्कार समिति) सही फैसला लिया क्योंकि मुझे अभी बहुत काम करने की जरूरत है।
उसने कहा, अगर हम नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर लिए गए फैसले को भूल जाएं तो मुझे लगता है कि मुझे लोगों ने अपना पुरस्कार दे दिया है। उन्होंने मुझे नामांकित किया और यह मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है। मलाला ने कहा, और मेरे मन में एक पुरस्कार है - जिसके लिए मैं संघर्ष करूंगी, जिसके लिए मैं अभियान चलाऊंगी। यह पुरस्कार हर बच्चे को स्कूल जाते देखना है। मैं अपनी जिंदगी इसके लिए लगा दूंगी क्योंकि मैं अपने जीवन में यही पुरस्कार पाना चाहती हूं। मलाला ने कहा कि वह अपने देश वापस लौटकर आतंकवाद से लड़ना चाहती है।
उसने कहा, पाकिस्तान वह देश है जहां मेरा जन्म हुआ, और मैं पाकिस्तान की एक देशभक्त नागरिक हूं तथा अपने देश से प्यार करती हूं। मैं अपने देश के प्रति सच्ची होना चाहती हूं। मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं वापस पाकिस्तान जाऊंगी क्योंकि मैं वहां आतंकवाद के खिलाफ लड़ना चाहती हूं।
मलाला ने कहा, मैं उन लड़कियों के लिए लड़ना चाहती हूं, जो शिक्षा से वंचित हैं। मैंने राजनीति चुनी है, क्योंकि इसके माध्यम से मैं पूरे देश की सेवा कर सकती हूं। इस वजह से मुझे उम्मीद है और मैं सोचती हूं कि अगर मैंने खुद को शिक्षा से सशक्त किया, ज्ञान प्राप्त किया, तो अपने मकसद में कामयाब होना मेरे लिए कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा। इस बीच अमेरिका ने ओपीसीडब्ल्यू को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने पर बधाई दी और साथ ही मलाला के साहस एवं प्रयासों की भी तारीफ की।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने कहा, इस किशोरी के साहस एवं प्रयास उत्कृष्ट हैं, और दुनियाभर के बहुत से लोगों की तरह ही राष्ट्रपति (अमेरिकी राष्ट्रपति) उसकी सराहना करते हैं।
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