काहिरा/वाशिंगटन:
लीबिया ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से देश में उड़ान वर्जित क्षेत्र को मंजूरी दिए जाने और अमेरिका तथा उसके सहयोगी देशों की ओर से उसके खिलाफ कुछ घंटों के अंदर सैन्य कार्रवाई किए जाने के बारे में फ्रांस के दावे के कुछ घंटे बाद वैश्विक दबावों के आगे झुकते हुए शुक्रवार को संघषर्विराम घोषित करने के साथ ही राष्ट्रपति मुअम्मर कज्जाफी को हटाने के लिए संघषर्रत विद्रोहियों के खिलाफ सभी तरह के सैन्य अभियान रोक दिए। लीबिया के विदेश मंत्री मूसा कौसा ने सरकारी टेलीविजन चैनल पर प्रसारित अपने संबोधन में कहा, हमने संघषर्विराम की घोषणा कर दी है। हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के तहत सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के वास्ते सभी तरह के सैन्य अभियानों को रोक दिया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का सदस्य होने के नाते लीबिया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को स्वीकार करने के लिए बाध्य है। इससे पहले परिषद की ओर से मंजूर किये गए प्रस्ताव में लीबिया में नागरिकों की सुरक्षा और कज्जाफी सेना पर संघषर्विराम लागू करने के वास्ते उड़ान वर्जित क्षेत्र लागू करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने की बात कही थी। परिषद के प्रस्ताव 1973 में कहा गया है, प्रस्ताव तत्काल संघषर्विराम लागू करने और सभी तरह की हिंसा और नागरिकों के खिलाफ हमलों और अनुचित व्यवहार पर रोकने की मांग करता है। लीबिया की ओर से संघषर्विराम लागू करने की घोषणा से कुछ घंटे पहले ही कज्जाफी ने पुर्तगाल के टेलीविजन चैनल पर दिये साक्षात्कार में कहा कि परिषद के पास ऐसा प्रस्ताव पारित करने का कोई अधिकार नहीं है जिसे हम बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करते। उन्होंने कहा, यह कोई दो देशों के बीच युद्ध नहीं है जिसमें परिषद को हस्तक्षेप की अनुमति है। कौसा ने कहा कि संघषर्विराम लागू होने से देश एक बार फिर सुरक्षित स्थिति में आ जाएगा और इसके जरिये सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय सैन्य कार्रवाई के अधिकार की आलोचना करते हुए इसे लीबिया की संप्रभुता का उल्लंघन करार दिया। उन्होंने सभी देशों की सरकारों और गैर सरकारी संगठनों से अनुरोध किया कि जमीनी हकीकत की जानकारी लेकर सही निर्णय पर पहुंचने के लिए वे लीबिया में अपना तथ्यान्वेषी मिशन भेजें। कौसा का यह संबोधन ऐसे समय में आया जब कज्जाफी के वफादार सैनिक विद्रोहियों के गढ़ माने जाने वाले बेंघाजी से 120 किलोमीटर की दूरी पर थे तथा कुछ सैनिक पूर्व में स्थित अजदाबिया, जिनतान, नालुत और पश्चिम में स्थित मिसुराता में विद्रोहियों के साथ छिटपुट संघर्ष में लगे हुए थे। अलजजीरा चैनल ने कहा था कि कज्जाफी के वफादार सैनिकों ने अजदाबिया को घेर लिया है तथा उसके पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिण स्थित बाहरी क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है। कज्जाफी के वफादार सेना के टैंक और तोप मिसुराता पर हमले कर रहे हैं। इसके अलावा उनके कुछ सैनिकों ने अजदाबिया से आगे निकलकर बेंघाजी की ओर बढ़ गए हैं। लेकिन अरब चैनल ने कहा कि कज्जाफी के हेलीकाप्टर और वायुसेना कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। कज्जाफी ने पश्चिमी देशों की ओर से हवाई हमलों की आशंका के मद्देनजर अपने सैन्य जनरलों को कार्रवाई स्थगित करने को कहा है। अलजजीरा ने कहा कि विद्रोहियों से अभी संपर्क नहीं हो पाया है इसलिए यह तत्काल बताना मुश्किल है कि संघषर्विराम वास्तव में संघर्ष वाले क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर लागू हुआ है या नहीं। कज्जाफी ने झुकने का फैसला संभवत: ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और फ्रांस सरकार के प्रवक्ता की ओर से की गयी इस घोषणा के बाद किया जिसमें कहा गया था कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की ओर से हवाई हमले अगले कुछ घंटों में हो सकते हैं। कैमरन ने हाउस आफ कामंस में घोषणा की कि देश की रायल एयरफोर्स अपने सबसे उन्नत टाइफून लड़ाकू विमानों को पुराने टोर्नेडोज विमानों के साथ लीबिया में उड़ान वर्जित क्षेत्र लागू करने के लिए अगले कुछ घंटों में रवाना करेगी। बीबीसी ने कहा कि कैमरन ने देश के सांसदों को बताया कि ब्रिटेन कज्जाफी को बेंघाजी के नागरिकों के खिलाफ वायु, थल और समुद्री रास्ते से हमले करने से रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से मंजूर अभियान में शामिल होगा। व्हाइट हाउस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से प्रस्ताव पारित किये जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आगे की कार्रवाई की रूपरेखा तय करने के लिए फ्रांस और ब्रिटेन के नेताओं को फोन किया। सीएनएन ने अमेरिकी रक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों के हवाले से कहा कि ओबामा प्रशासन ने उड़ान वर्जित क्षेत्र लागू करने के लिए योजना तैयार कर ली है और यूरोपीय सहयोगियों के लड़ाकू विमान रविवार और सोमवार को लीबिया के हवाई क्षेत्र पहुंच सकते हैं। ब्रिटेन, डेनमार्क और नार्वे सहित यूरोपीय संघ के अन्य देशों ने कहा है कि वे लीबियाई वायुसेना को घेरने के लिए अपनी लड़ाकू इकाइयां भेजने के लिए तैयार हैं। अमेरिका और यूरोपीय सहयोगी देशों की ओर से सैन्य तैनाती की खबर आने के साथ ही अल जजीरा ने कहा कि कज्जाफी के वफादार सैनिकों ने मिसूराता शहर पर कब्जे के लिए पूरी ताकत से हमला शुरू कर दिया है। अरब चैनल ने कहा कि लीबियाई सेना विद्रोहियों के गढ़ माने जाने त्रिपोली के पूर्व स्थित मिसुराता शहर पर कब्जे के लिए विद्रोहियों से रातभर हुए भारी संघर्ष के बाद तोप और टैंक से गोले दाग रही है। हालांकि विद्रोहियों ने दावा किया कि उनका शहर पर कब्जा है। अल जजीरा ने लीबिया के सरकारी टेलीविजन चैनल के हवाले से कहा कि कज्जाफी के वफादारों ने लीबियाई राजधानी से 210 किलोमीटर दूर स्थित मिसुराता को घेर लिया है। अरब चैनल ने कहा कि पूर्वोत्तर में अजदाबिया में भी संघर्ष जारी है और कज्जाफी के वफादार सैनिक अभी भी बेंघाजी से 90 किलोमीटर दक्षिण में स्थित मौजूद हैं और अभी यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता कि वे आगे बढ़ने का जोखिम उठाएंगे या नहीं। उड़ान वर्जित क्षेत्र लागू होने से पहले नाटो ने लीबिया का 24 घंटे तक जासूसी विमान अवाक्स से सर्वेक्षण किया था। अमेरिका ने लीबियाई समुद्री तट के पास अपने युद्धपोत तैनात कर दिये हैं और ब्रिटिश सेना हवाई हमलों के लिए तैयार है। विमान वर्जित क्षेत्र लागू करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी की प्रक्रिया को बेंघाजी में बाहर लगाये गए बड़े टेलीविजन स्क्रीन पर देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए थे। एबीसी ने कहा कि अमेरिका उडान वर्जित क्षेत्र लागू करने के लिए अरब देशों का सहयोग चाहता है। एबीसी ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि जार्डन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात :यूएई: संभावित रूप से अमेरिका की इस कार्रवाई में शामिल हो सकते हैं।
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