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This Article is From Oct 12, 2023

"आतंकी मुझपर गोलियां बरसाने लगे हैं...": इजरायली महिला सैनिक ने मरने से पहले परिवार को भेजा मैसेज

बख्तरबंद कोर की 77वीं बटालियन में तैनात 19 वर्षीय कॉर्पोरल नामा बोन पर भी हमास ने हमला किया था. मरने से पहले बोन ने अपने परिवार को रोंगटे खड़े कर देने वाला मैसेज किया था. शनिवार को हमास के हमले के वक्त वह ड्यूटी पर थीं.

"आतंकी मुझपर गोलियां बरसाने लगे हैं...": इजरायली महिला सैनिक ने मरने से पहले परिवार को भेजा मैसेज
नामा बोन का जन्म अफुला शहर में हुआ था. वह सिर्फ सात महीने पहले इजरायली सेना में भर्ती हुई थीं.
तेल अवीव:

इजरायल और फिलिस्तीनी (Israel Palestine Conflict) संगठन हमास (Hamas Group) के बीच 6 दिन से जंग जारी है. दोनों तरफ से ताबड़तोड़ हमले किए जा रहे हैं. इस दौरान जंग में अब तक 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 1300 इजरायली नागरिक और 220 से ज्यादा इजरायली सैनिक थे. बख्तरबंद कोर की 77वीं बटालियन में तैनात 19 वर्षीय कॉर्पोरल नामा बोन पर भी हमास ने हमला किया था. मरने से पहले बोन ने अपने परिवार को रोंगटे खड़े कर देने वाला मैसेज किया था. शनिवार को हमास के हमले के वक्त वह ड्यूटी पर थीं. हमले के दौरान वह हमास के लड़ाकों की गोली का शिकार हो गईं. जैसे तैसे उन्होंने छुपने के लिए एक जगह तलाशी. इसी दौरान उन्होंने आखिरी बार अपने परिवार को मैसेज भेजा.

इजरायली समाचार 'वाई नेट' के मुताबिक, खून से लथपथ हालत में बोन ने अपने परिवार को मैसेज किया था. उन्होंने लिखा था "मुझे आप सब की बहुत चिंता है. मेरे सिर पर जख्म है. बहुत खून बह रहा है. आतंकी मुझपर गोलियां बरसाने लगे हैं." 

कॉर्पोरल नामा बोन ने लिखा, "मेरे साथ एक घायल सैनिक है, लेकिन रेस्क्यू टीम उन्हें बचाने नहीं आ सकी है. यहां पर कुछ आतंकवादी आ धमके हैं, वो यहां से नहीं जाने वाले हैं. मैं किसी को चीखते हुए सुन रही हूं. मुझे लगता है शायद यहां किसी को जान से मारा जा रहा है."

गाजा से हजारों मिसाइलें दागी गईं. सड़कों पर सैकड़ों शव पड़े रहे. धमाकों से बिल्डिंगें तबाह हो गईं. इजरायली समाचार 'वाई नेट' ने नामा बोन की एक रिश्तेदार इलूक से बात की. इलूक ने बताया, "जब हमला हुआ तब नामा बोन मिलिट्री स्टेशन के गेट पर ही तैनात थी. करीब सुबह साढ़े बजे तक वह हमें मैसेज भेज रही थी, लेकिन उसके बाद उसने कोई मैसेज नहीं भेजा. नामा बोन के परिवार के लोग जब उस जगह पहुंचे, तब उन्हें पता चला कि नामा को अस्पताल में भर्ती किया गया. हालांकि, किसी ने उनके परिवार को उनकी स्थिति के बारे में नहीं बताया." 

इलूक ने कहा, "हम पूरी तरह से यकीन करना चाहते थे कि वह अभी भी जिंदा है, लेकिन जब सूचना अधिकारी उसके मां-पिता के पास पहुंचे, तो हमें पता चला कि वह अब मौत का एक आंकड़ा बनकर रह गई है. उसकी मौत हो चुकी है." नामा बोन का जन्म अफुला शहर में हुआ था. वह सिर्फ सात महीने पहले इजरायली सेना में भर्ती हुई थीं.

बता दें कि 7 अक्टूबर से शुरू हुई जंग में अब तक 4 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इनमें से करीब 1300 इजरायली हैं. अब तक करीब 1200 फिलिस्तीनियों ने भी जान गंवाई है.

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