हमास (Hamas) के हमले के बाद से ही इजरायल (Israel) लगातार गाजा पर बमबारी कर रहा है. इजरायल के जमीनी हमले से पहले ही गाजा के स्थानीय लोग बेहद निराश हैं. आलम यह है कि इलाके के लोग गुजरते वक्त के साथ और भी हताश होते जा रहे हैं. गाजा में पीने का पानी खत्म हो गया है और चारों ओर कूड़े के ढेर लग गए हैं. साथ ही विस्फोटों के कारण घर ढह गए हैं और अस्पतालों को इन हालातों से निपटने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, पीने के पानी को हासिल करने के लिए बेताब कुछ लोगों ने समुद्र से सटे इलाकों में कुएं खोदना शुरू कर दिया. वे गाजा के खारे नल के पानी पर निर्भर थे, जो सीवेज और समुद्री जल से दूषित है.
वहीं दक्षिणी गाजा पट्टी में खान यूनिस के दो निवासियों ने विस्थापित परिवारों के बीच वितरित करने के लिए स्वेच्छा से प्लास्टिक के कंटेनरों में पानी भरकर उन्हें मुहैया कराने की कोशिश में जुटे हैं.
कुछ निवासियों ने इजरायल और फिलिस्तीनी समूह हमास के बीच युद्ध की समाप्ति के लिए प्रार्थना की है, जिसने मध्य पूर्व में संघर्ष की आशंका को बढ़ा दिया है.
उन्होंने कहा कि नौ दिनों के संघर्ष में रात भर किए गए हवाई हमले सबसे भारी थे. कई घर जमींदोज हो गए. गाजा अधिकारियों ने कहा कि कम से कम 2,750 लोग, ज्यादातर नागरिक और उनमें से 700 से अधिक बच्चे मारे गए हैं और करीब 10,000 घायल हो गए. वहीं 1,000 से अधिक लोग लापता हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे मलबे में दबे हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के आयुक्त जनरल फिलिप लेजारिनी ने कहा, "गाजा में पानी और बिजली खत्म हो रहा है. वास्तव में, गाजा का गला घोंटा जा रहा है और ऐसा लगता है कि दुनिया ने इस समय अपनी मानवता खो दी है."
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