"हमास-इजरायल जंग रोकने के लिए भारत सबसे अच्छी पोजिशन में..." : इजरायली लेखक युवल हरारी

बेस्टसेलर बुक 'सेपियंस' के लेखक युवल नूह हरारी ने कहा, "भारत एक लोकतंत्र है. यह रूस या चीन के विपरीत लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्ध है. यह लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध है. भारत के कई देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं. इजरायल के साथ भी और ईरान के साथ भी भारत के अच्छे संबंध हैं. इसलिए उम्मीद है कि भारत सबसे पहले ईरान जैसे देशों पर तनाव कम करने के लिए जो भी कदम उठाना होगा, वो उठाएगा."

नई दिल्ली:

फिलिस्तीनी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर को गाजा पट्टी से इजरायल की तरफ 5000 से ज्यादा रॉकेट हमले किए थे. इसके बाद से दोनों के बीच जंग चल रही है. अब तक 10 दिनों की जंग में इजरायल और हमास दोनों को अच्छा-खासा जानमाल का नुकसान हुआ है. इस बीच इजरायली लेखक और इतिहासकार युवल नूह हरारी ने कहा कि भारत को इस हालात में आगे आना चाहिए. हरारी ने कहा, "हालात पर काबू पाने के लिए भारत को ईरान जैसे देशों के साथ अपने प्रभाव का इस्तेमाल करना चाहिए."

इजरायली लेखक युवल नूह हरारी ने सोमवार को NDTV से खास इंटरव्यू में कहा, "इजरायल और फिलिस्तीन में जो हो रहा है, वह पूरी दुनिया में फैल सकता है. यहां तक ​कि ये हालात तीसरे विश्व युद्ध का कारण भी बन सकते हैं." इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच तनाव कम करने में भारत की भूमिका के बारे में बेस्टसेलर बुक 'सेपियंस' के लेखक ने कहा, "भारत एक लोकतंत्र है. यह रूस या चीन के विपरीत लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्ध है. यह लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध है. भारत के कई देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं. इजरायल के साथ भी और ईरान के साथ भी भारत के अच्छे संबंध हैं. इसलिए उम्मीद है कि भारत सबसे पहले ईरान जैसे देशों पर तनाव कम करने के लिए जो भी कदम उठाना होगा, वो उठाएगा. ताकि इस हालात को आगे बढ़ने से रोका जा सके."

युवल नूह हरारी ने कहा, "जिस किसी के पास कोई क्षमता है, उसे सिस्टम को रिस्ट्रक्चर करना चाहिए. पहला कदम सभी बंधकों को रिहा करना है. यह न सिर्फ अपने आप में अहम है, बल्कि इससे शायद ये शांति की दिशा में पहला कदम होगा."

इस बीच इजरायल के गाजा पर किए गए हमले में हजार लोग लापता हैं. इनके मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है. वहीं, इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें दक्षिणी गाजा में राफाह क्रॉसिंग पर युद्ध विराम पर सहमति बनने की बात कही गई थी. फिलहाल गाजा खाली करने के लिए राफाह क्रॉसिंग एकलौता रास्ता है.

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7 अक्टूबर से शुरू हुई जंग में अब तक इजराइल के हमलों से गाजा में 2450 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है. इनमें 724 से ज्यादा बच्चे और 370 से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं. वहीं, हमास के हमले में करीब 1400 इजराइली मारे गए हैं.