इजरायल और हमास के जंग (Israel Palestine Conflict)के बीच इजरायली लेखक और इतिहासकार युवल नूह हरारी ( Yuval Noah Harari ) ने इस हालात के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया है. युवल नूह हरारी ने सोमवार को कहा कि हमास (Hamas) के लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर नरसंहार किया. उन्होंने जोर देकर कहा, "इस तरह की धार्मिक कट्टरता (इस्लामिक टेररिज्म) हम पहले ISIS में देखते थे. अब हमास में देख रहे हैं. ये मानवता के लिए भयानक खतरा है."
बेस्टसेलिंग बुक 'सेपियंस' के राइटर युवल नूह हरारी ने NDTV के खास इंटरव्यू में ये बातें कही. उन्होंने कहा, "दिक्कत यह है कि हमास को इंसान के दर्द और दुख की बिल्कुल भी परवाह नहीं है. फिर चाहे वह इजरायली हो या फिलीस्तीनी. क्योंकि हम उन धार्मिक कट्टरपंथियों के बारे में बात कर रहे हैं, जो मानते हैं कि वे जो कर रहे हैं, उससे उनकी आत्माओं को दूसरी दुनिया में आनंद मिलेगा. ऐसे विश्वास रखने वाले लोगों के साथ शांति का कोई मौका पाना असंभव है."
इजरायली लेखक ने कहा, "इजरायल, सऊदी अरब के साथ एक ऐतिहासिक शांति संधि के अहम मोड़ पर था, जिसका उद्देश्य कब्जे वाले क्षेत्रों में लाखों फिलिस्तीनियों के दर्द को कम करना और शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करना था. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया."
इजरायली लेखक युवल नूह हरारी ने कहा, "इजरायल और फिलिस्तीन में जो हो रहा है, वह पूरी दुनिया में फैल सकता है. यहां तक कि ये हालात तीसरे विश्व युद्ध का कारण भी बन सकते हैं." इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच तनाव कम करने में भारत की भूमिका के बारे में बेस्टसेलर बुक 'सेपियंस' के लेखक ने कहा, "भारत एक लोकतंत्र है. यह रूस या चीन के विपरीत लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्ध है. यह लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध है. भारत के कई देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं. इजरायल के साथ भी और ईरान के साथ भी भारत के अच्छे संबंध हैं. इसलिए उम्मीद है कि भारत सबसे पहले ईरान जैसे देशों पर तनाव कम करने के लिए जो भी कदम उठाना होगा, वो उठाएगा. ताकि इस हालात को आगे बढ़ने से रोका जा सके."
उन्होंने कहा, "जिस किसी के पास कोई क्षमता है, उसे सिस्टम को रिस्ट्रक्चर करना चाहिए. पहला कदम सभी बंधकों को रिहा करना है. यह न सिर्फ अपने आप में अहम है, बल्कि इससे शायद ये शांति की दिशा में पहला कदम होगा."
7 अक्टूबर से शुरू हुई जंग में अब तक इजराइल के हमलों से गाजा में 2450 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है. इनमें 724 से ज्यादा बच्चे और 370 से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं. वहीं, हमास के हमले में करीब 1400 इजराइली मारे गए हैं.
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