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This Article is From Oct 08, 2023

कैसे हमास ने की इजराइल के अभेद्य एयर डिफेंस 'आयरम डोम' को मात देने की कोशिश?

हमास की तरफ से रॉकेटों की बौछार के बाद भी इजराइल का आयरन डोम सिस्‍टम (Israel Iron Dome System) बहुत ही शक्तिशाली तरह से अपना काम करता रहा. दरअसल, कई सालों से आतंकी गुट हमास आयरन डोम सिस्‍टम में कमजोरी ढूंढने की कोशिश कर रहा है

फिलिस्तीनी आतंकी गुट हमास के हमले के बाद इजराइल ने युद्ध (Israel-Hamas Conflict) का ऐलान कर दिया है. हमास के ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड की घोषणा के बाद महज 20 मिनट में गाजा पट्टी से इज़राइल की तरफ 5,000 से ज्यादा रॉकेट दागे गए. पूरे इजराइल में सुबह से ही सायरन की गूंज सुनाई देने लगी. हमास के हवाई हमलों से दुनियाभर में सबसे शानदार मानी जाने वाला इजराइल का आयरन डोम सिस्टम तुरंत एक्शन में आ गया. इस घटनाक्रम में इरजाइल के आयरन डोम ने हमास के रॉकेटों को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिसके बाद आसमान आग की लपटों से चमकने लगा. 

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आयरन डोम सिस्टम जमीन से हवा में मार करने वाला कम दूरी का 'एयर डिफेंस सिस्‍टम' है, जिसे कम दूरी पर रॉकेट हमलों, मोर्टार, तोप के गोले और मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का मुकाबला करने के लिए देश के कई हिस्सों में तैनात किया गया है. आयरन डोम प्रणाली की सीमा लगभग 70 किमी है. इसमें तीन केंद्रीय घटक हैं जो मिलकर इसे पूरा करते हैं. ये घटक- डिटेक्शन और ट्रैकिंग रडार, युद्ध प्रबंधन, हथियार नियंत्रण और  20 तामीर मिसाइलों से लैस लॉन्चर हैं. आयरन डोम सिस्‍टम साल 2011 से इजराइल की रक्षा कर रहा है. 2006 के लेबनान संघर्ष के दौरान, हिजबुल्लाह द्वारा हजारों रॉकेट दागे गए और हाइफ़ा सहित कई उत्तरी क्षेत्रों पर हमला किया गया, जिसमें कई लोग मारे गए. 2006 के हमलों ने इज़राइल को अपनी वायु रक्षा प्रणाली विकसित करने के लिए प्रेरित किया था.

कैसे काम करता है आयरन डोम सिस्टम?

जब किसी भी रॉकेट को इज़राइल की तरफ दागा जाता है, तो डिटेक्शन और ट्रैकिंग रडार आने वाले प्रक्षेप पथ का पता लगाता है और हथियार नियंत्रण प्रणाली को जानकारी भेजता है, जो रॉकेट के प्रक्षेप पथ, गति और अपेक्षित लक्ष्य का पता लगाने के लिए तेज़, जटिल गणना करता है. अगर आने वाले रॉकेट का लक्ष्‍य कोई आबादी वाला क्षेत्र या रणनीतिक प्रतिष्ठान होता है, तो लॉन्‍चर खुद तामीर मिसाइल को फायर करता है और खतरे को बेअसर करने के लिए रॉकेट को हवा में ही नष्ट कर देता है.  एक बैटरी में तीन-चार लॉन्चर होते हैं और इज़राइल के पास कम से कम 10 हैं. आयरन डोम सिस्टम के निर्माता राफेल दावा करते हैं कि इस एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम की सफलता दर 90 प्रतिशत है और अब तक 2,000 से अधिक हमलों को नाकाम कर चुका है. 

इजराइल में इस बार क्या हुआ? 

हमास की तरफ से रॉकेटों की बौछार के बाद भी इजराइल का आयरन डोम सिस्‍टम बहुत ही शक्तिशाली तरह से अपना काम करता रहा. दरअसल, कई सालों से आतंकवादी गुट हमास आयरन डोम सिस्‍टम में कमजोरी ढूंढने की कोशिश कर रहा है. इस बार वह ऐसा करने में काफी हद तक सफल रहा है. हमास लगातार अपनी क्रूड रॉकेट तकनीक विकसित कर रहा है और पिछले कुछ सालों में इसने  तेल अवीव और यहां तक ​​कि यरूशलेम समेत इज़राइल के प्रमुख शहरों को कवर करने के लिए अपनी सीमा बढ़ा दी है. हालांकि, हमास द्वारा लॉन्च किया गया रॉकेट उसे रोकने के लिए दागी गई तामीर मिसाइल की तुलना में काफी सस्ता है. इजराइल के लिए आयरन डोम की की कीमत  इसकी लागत से कहीं ज्‍यादा मायने रखती है. यह खुदग को पहले भी कई मौकों पर साबित कर चुकी है.  यह लक्ष्यों को बेअसर कर लोगों की जान बचा सकती है.

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