इजरायल पर हमास (Israel Hamas War) के आतंकियों ने 7 अक्टूबर को हमलाकर बहुत से लोगों की या तो मार दिया या फिर बंधक बना लिया. हमास के आतंकियों ने इजरायल समेत कई अन्य देश के 200 से ज्यादा नागरिकों को बंधक बना रखा है. दुनिया के कई अन्य देश इस संघर्ष पर विराम लगाने और दोनों संघर्षरत देशों के बीच शांति कायम करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. दूसरे देशों की मध्यस्थता के बीच हमास ने दो अमेरिकी नागरिकों को रिहा कर दिया है. अमेरिकी महिलाओं की रिहाई के बाद शुक्रवार को हमास ने कहा कि बंधक बनाए गए और नागरिकों को रिहा करने के लिए कतर और मिस्र के मध्यस्थों के साथ काम कर रहा है.
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'बंधकों को रिहा करने के लिए चल रही बात'
गाजा के इस्लामिक शासकों का कहना है कि अगर सुरक्षा हालात अनुमति देते हैं तो बंधक नागरिक फ़ाइल को बंद करने के आंदोलन के फैसले को लागू करने के लिए सभी मध्यस्थों के साथ वह काम कर रहे हैं. साथ ही उसने और नागरिकों की रिहाई का संकेत दिया है. हमास ने कहा कि कतर और मिस्र की कोशिशों के बाद अमेरिकी जूडिथ ताई रानन और उनकी बेटी नताली शोशना रानन को छोड़ दिया गया है.
'200 बंधकों में से 2 नागरिकों की रिहाई'
गाजा के हमास शासकों ने करीब 200 बंधकों में से दो अमेरिकियों को शुक्रवार को रिहा कर दिया और संकेत दिया कि और भी लोग छोड़े जा सकते हैं. इज़रायली सरकार ने बताया कि अमेरिकी जूडिथ ताई रानन और उनकी बेटी नताली शोशना रानन शुक्रवार देर रात इज़रायल वापस आ गईं. हालांकि उनकी स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नें दोनों नागरिकों की रिहाई पर खुशी जताई और दोनों महिलाओं से फोन पर बात की.
हमास ने दो अमेरिकी नागरिकों को किया रिहा
दोनों महिलाओं को जब हमास ने छोड़ा तो वह गाजा बॉर्डर पर एक इजरायली राजदूत से मिलवाया गया. जिसके बाद दोनों को मध्य इज़रायल में एक सैन्य अड्डे पर ले जाया गया,जहां पर उनका परिवार पहले से ही उनका इंतजार कर रहा था. बता दें कि दोनों मां-बेटी को 7 अक्टूबर को इज़रायल-गाजा बॉर्डर के पास नाहल ओज़ किबुत्ज़ से हमास से आतंकियों ने किडनैप कर लिया था. उस सम दोनों कथित तौर पर इज़रायल में छुट्टी मनाने आई थीं.
ज्यादा बंधको ंको छोडे़ जाने के संकेत
दूसरे बंधकों की तरह दोनों अमेरिकी महिलाओं का परिवार भी गाजा के आंतकियों से उनकी रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान चला रहा था. रिहा हुई नताली के सौतेले भाई बेन रानन ने बीबीसी से बातचीत में उनकी रिहाई पर खुशी जाहिर की और सरकार के प्रति कृतज्ञता जाहिर की. साथ ही बहन के लिए दुआ करने वालों को भी उन्होंने धन्यवाद दिया. वहीं हमास का कहना है कि कतर और मिस्र की मध्यस्थता के बाद अल-क़सम ब्रिगेड ने मानवीय कारणों से दोनों अमेरिकी नागरिकों को रिहा कर दिया.
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