इजरायल और ईरान के बीच जवाबी कार्रवाई ने देशों के बीच एक बड़े युद्ध को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं. कुछ विशेषज्ञों ने तो यहां तक कह दिया है कि हालात 1990 के दशक में पहुंचते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं यह क्षेत्र जो पहले से ही तनावग्रस्त बन चुका था, , अब और भी ज्यादा अनिश्चितता की तरफ बढ़ गया है. इजरायल ने ईरान के अंदर कई परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है. सिर्फ इतना ही नहीं उसके हमलों में ईरान के कई टॉप साइंटिस्ट्स और जनरल्स की भी मौत हो चुकी है. जो जानकारी आ रही है उसके अनुसार ईरान के छह परमाणु वैज्ञानिक हमलों में मारे गए हैं और अब यह देश गुस्से में उबल रहा है. एक नजर डालिए कि वो 6 लोग कौन थे और ईरान में उनका कद कितना बड़ा था.
मोहम्मद बाघेरी
इजरायल के हमले में मोहम्मद बाघेरी जो ईरान में सर्वोच्च रैंक के सैन्य अधिकारी थे और ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ थे, जिसमें इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (आईआरजीसी) और ईरानी सेना दोनों शामिल हैं, उनकी मौत हो गई है. बाघेरी साल 1980 में 20 वर्ष की आयु में IRGC में शामिल हुए. उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर ईरान-इराक युद्ध के दौरान IRGC की इंटेलीजेंस यूनिट की शुरुआत की थी. उन्हें बाकी ईरानी कमांडरों की तुलना में कम कट्टरपंथी माना जाता था. इस साल अप्रैल में उन्होंने पर्सेपोलिस के प्राचीन खंडहरों के सामने भाषण दिया था. इसमें उन्होंने शांति की अपील की थी और युद्ध से बचने का आग्रह किया था. हालांकि बाघेरी के भाषण को लेकर के उनकी जमकर आलोचना हुई थी. बाघेरी की जगह अब अब्दुलरहीम मौसवी को नया चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त किया गया है.

हुसैन सलामी
सलामी आईआरजीसी के कमांडर-इन-चीफ थे. बाघेरी की तरह वह भी 1980 में ईरान-इराक युद्ध के दौरान IRGC में शामिल हुए थे. वह 2009 में डिप्टी कमांडर बने, उसके बाद 2019 में कमांडर बने. एक वक्ता के तौर पर उन्हें अपनी क्षमता के लिए जाना जाता था. उन्होंने इजरायल के लिए कड़ रुख अपनाया था और पिछले ही महीने कहा था कि अगर इजरायल या अमेरिका ने हमला किया तो तेहरान 'नरक के द्वार खोल देगा'. ईरानी सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार मोहम्मद पाकपुर को IRGC का नया कमांडर नियुक्त किया गया है.
घोलमाली रशीद
रशीद आईआरजीसी के खातम-अल अंबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर के मुखिया थे, उनकी भी मौत हो गई है. अल अंबिया सभी संयुक्त ईरानी मिलिट्री ऑपरेशंस को को-ऑर्डिनेट करता है. रशीद ने 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध लड़ा था और वह पहले ईरानी सशस्त्र बलों के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ थे. ईरानी सरकारी मीडिया के अनुसार, रशीद की मृत्यु के बाद से अली शादमानी को इमरजेंसी कमांड का नया नेता नियुक्त किया गया है.
अमीर अली हाजीजादेह
हाजीजादेह, IRGC के एयरोस्पेस फोर्स के कमांडर, हाजीजादेह देश के मिसाइल प्रोग्राम के इन-चार्ज थे और देश के एक प्रमुख व्यक्ति थे. इजरायल रक्षा बलों (IDF) ने कहा कि हाजीजादेह IRGC के एयरफोर्स कमांडर्स के साथ एक अंडरग्राउंड कमांड सेंटर में इकट्ठा हुए थे ताकि इज़रायल पर हमले की तैयारी की जा सके. IDF की मानें तो इमारत को निशाना बनाकर किए गए हमले में समूह को मार गिराया गया. आईडीएफ की मानें तो हाजीजादेह ने पिछले साल अक्टूबर और अप्रैल में इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमलों की कमान संभाली थी. साल 2020 में तेहरान से उड़ान भरने वाले एक यूक्रेनी पैसेंजर जेट को मार गिराने की जिम्मेदारी लेने के बाद ईरान के आम लोगों में हाजीजादेह की इमेज खराब हो गई थी. इस हमले में सभी 176 लोग मारे गए थे.
फेरेदून अब्बासी
अब्बासी, एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट थे और साल 2011 और 2013 के बीच ईरान के न्यूक्लियर एनर्जी संगठन के मुखिया के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे थे. वह 2020 से 2024 तक संसद के सदस्य रहे. कहा जाता है कि उन्होंने ईरान की परमाणु गतिविधियों से संबंधित कट्टरपंथी रुख को बढ़ावा दिया था. मई में, उन्होंने ईरानी टीवी चैनल SNN.ir पर परमाणु हथियार बनाने की संभावना की बात की थी और कहा था कि अगर उन्हें ऐसा करने के आदेश मिले तो वह उसका पालन करेंगे.
कौन-कौन से परमाणु वैज्ञानिक
ईरानी सरकारी मीडिया के अनुसार कई अन्य परमाणु वैज्ञानिकों की भी हत्या की खबर है. ये वैज्ञानिक हैं-
मोहम्मद मेहदी तेहरानची: तेहरान में आजाद यूनिवर्सिटी के चीफ
अब्दुल हमीद मिनौचेहर: ईरान के शाहिद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी में न्यूक्लियर इंजीनियर
अहमद रेजा जोलफागरी: शाहिद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी में न्यूक्लियर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर
अमीर हुसैन फेकी: शाहिद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी में एक और न्यूक्लियर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर
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