विज्ञापन

ऑक्सफोर्ड की धरती पर गूंजा भारत का प्राचीन ज्ञान

अपने भाषण का समापन करते हुए उन्होंने कहा, “जब हम समय को समझते हैं, तो जीवन में समरसता आती है; जब हम समय से अनजान रहते हैं, तो संघर्ष बढ़ता है. ज्योतिष हमें सिखाता है सही समय पर सही जगह, सही चेतना के साथ होना ही जीवन की सबसे बड़ी सफलता है.”

ऑक्सफोर्ड की धरती पर गूंजा भारत का प्राचीन ज्ञान
जन्म कुंडली एक कॉस्मिक ब्लूप्रिंट है: वैदिक ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ. संजीव कुमार श्रीवास्तव

जहां सदियों से पश्चिमी ज्ञान और तर्क की परंपरा ने दुनिया को दिशा दी है, उसी ऑक्सफोर्ड की ऐतिहासिक लॉर्ड मेयर काउंसिल चैम्बर में एक भारतीय विद्वान ने “समय” के रहस्यों पर ऐसा प्रकाश डाला, कि सभागार तालियों से गूंज उठा. प्रसिद्ध नाड़ी एवं वैदिक ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ. संजीव कुमार श्रीवास्तव ने अपने प्रभावशाली संबोधन “The Science of Time — Jyotish” में बताया कि ज्योतिष कोई भविष्यवाणी नहीं, बल्कि “समय को पढ़ने और जीवन को समझने का विज्ञान” है. डॉ. श्रीवास्तव ने कहा, “हमारा जन्म क्षण कोई संयोग नहीं, वह उस समय का बिंदु है, जहां ब्रह्मांड का समय और हमारा जीवन एक-दूसरे से मिलते हैं. जन्म कुंडली एक कॉस्मिक ब्लूप्रिंट है, जो हमें बताती है कि कब क्या करना है, ताकि जीवन सहज और सफल बन सके.”

उन्होंने इसे सरल शब्दों में समझाया, “जैसे कोई नाविक तारों को देखकर दिशा तय करता है, वैसे ही मनुष्य ब्रह्मांड के संकेतों को समझकर अपने जीवन की दिशा तय कर सकता है.” ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, जहां से विज्ञान, तर्क और विचार की नदियां बहती हैं, वहां उस शाम भारत की आत्मा की गूंज सुनाई दी.

विदेशी विद्वान मंत्रमुग्ध होकर सुन रहे थे जब डॉ. श्रीवास्तव ने कहा, “‘ज्योति' यानी प्रकाश और ‘ईश' यानी दिव्यता — ‘ज्योतिष' का अर्थ है दैवीय प्रकाश का विज्ञान. यह हमें दिखाता है कि समय केवल घड़ी की टिक-टिक नहीं, बल्कि चेतना की धड़कन है.” डॉ. श्रीवास्तव ने आधुनिक समाज की व्यस्तता और मानसिक उलझनों पर टिप्पणी करते हुए कहा, “आज इंसान के पास सब कुछ है तकनीक, संसाधन, संपर्क पर भीतर शांति नहीं है. ज्योतिष हमें भीतर की दिशा देता है, यह आत्मा का कंपास है.” उन्होंने यह भी कहा कि “समय को जानने वाला कभी असमय में नहीं जीता.” डॉ. श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य को इस विचार से आगे बढ़ाया, “ऑक्सफोर्ड तर्क का प्रतीक है, भारत अंतर्ज्ञान .। जब ये दोनों साथ चलते हैं, तो सृजन होता है — ऐसा सृजन जो केवल ज्ञान नहीं, बल्कि करुणा भी जगाता है.”

पिछले 28 वर्षों में डॉ. श्रीवास्तव ने 75 से अधिक देशों में 1 लाख से ज्यादा लोगों को परामर्श दिया है. उन्होंने बताया, “संस्कृति कोई भी हो, हर इंसान अपने भीतर एक ही चीज़ खोजता है, दिशा, शांति और अर्थ. और यही ज्योतिष प्रदान करता है, सही समय पर सही निर्णय लेने की शक्ति.”

अपने भाषण का समापन करते हुए उन्होंने कहा, “जब हम समय को समझते हैं, तो जीवन में समरसता आती है; जब हम समय से अनजान रहते हैं, तो संघर्ष बढ़ता है. ज्योतिष हमें सिखाता है सही समय पर सही जगह, सही चेतना के साथ होना ही जीवन की सबसे बड़ी सफलता है.”

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com