
चीन के 'बेल्ट एंड रोड फोरम' (बीआरएफ) बैठक में 29 देशों और सरकारों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. फाइल फोटो.
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चीन के 'बेल्ट एंड रोड फोरम' के उद्घाटन समारोह का भारत ने किया बहिष्कार
चीन-पाक आर्थिक गलियारे CPEC को लेकर संप्रभुता संबंधी चिंता के लिए थी बैठक
भारत ने कहा, संप्रभुता एवं भूभागीय एकता का सम्मान हो
'बेल्ट एंड रोड फोरम' (बीआरएफ) बैठक में 29 देशों और सरकारों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया जिनमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल शामिल थे.
रूस, अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस सहित विभिन्न देशों के नेताओं और अधिकारियों ने समारोह में हिस्सा लिया.
बीती रात कड़े शब्दों में जारी एक बयान में भारत ने कहा था कि संपर्क संबंधी पहल (कनेक्टिविटी इनीशिएटिव) को इस तरीके से आगे बढ़ाया जाना चाहिए कि संप्रभुता एवं भूभागीय एकता का सम्मान हो.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने एक बयान में कहा था 'इस मामले में हमारी सैद्धांतिक स्थिति के मुताबिक हम चीन से उसकी संपर्क संबंधी पहल 'वन बेल्ट, वन रोड' पर एक सार्थक बातचीत करने का अनुरोध करते हैं जिसका नाम बाद में बदल कर 'बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव' कर दिया गया. हमें चीन की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया का इंतजार है.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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