हाफिज सईद के दावे का सेना ने खंडन किया है.
नई दिल्ली:
आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के मुखिया हाफिज सईद को एक टेप में यह शेखी बघारते हुए सुना गया है कि जम्मू-कश्मीर के अखनूर में उसके चार युवा लड़कों ने सोमवार को आर्मी कैंप पर हमला किया और वे 30 भारतीय जवानों को मारकर लौटे. उसके इस दावे का सेना ने खंडन करते हुए कहा है कि यह दावा झूठा है और अखनूर में ऐसा नहीं हुआ.
माना जा रहा है कि बुधवार को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में बोलते हुए अपने समर्थकों के बीच उसने यह बात कही. उसने हमले की जिम्मेदारी तो ली लेकिन अखनूर में आर्मी कैंप पर हमले के संबंध में झूठा दावा किया. दरअसल सोमवार को आतंकियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज दो किमी दूरी पर स्थित जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (जीआरईएफ) पर हमला किया और उसमें तीन मजदूरों की मौत हो गई. उस वक्त जीआरईएफ कैंप में 10 जवान और 10 मजूदर स्थित थे.
उस ऑडियो टेप में हाफिज सईद ने कहा,''जम्मू के अखनूर कैंप में दो दिन पहले ही चार युवा लड़के घुसे थे...मैं यह जो बात कह रहा हूं...यह कोई पुरानी बात नहीं है बल्कि महज दो दिन पहले की बात है.'' उसने दावा करते हुए कहा कि चार युवा लड़कों ने आर्मी कैंप में घुसकर 10 कैंपों में जवानों को ढेर कर दिया और बिना खरोंच लगे वापस लौट आए. इसे सर्जिकल स्ट्राइक कहते हैं.
पिछले सितंबर में भारतीय सेना के नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर सर्जिकल स्ट्राइक करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लक्षित करते हुए सईद ने कहा, ''यह एक झूठ है. वे दुनिया को बेवकूफ बनाने के लिए ये ड्रामा कर रहे हैं...लेकिन आपने एक मौका दिया है और हम मुजाहिदीन अब बताएंगे कि सर्जिकल स्ट्राइक क्या होता है...मैं दो दिन पहले जम्मू में सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में आपको बता रहा हूं, जहां वे दावा करते हैं कि कोई घुसने की हिम्मत नहीं कर करता. चार मुजाहिदीन कैंप में घुसे, 10 रूमों का सफाया किया और 30 जवानों को मारा. उन लड़ाकों ने कैंप को नष्ट कर दिया, जला दिया और उसके बाद सभी चारों सुरक्षित वापस लौट आए.''
माना जा रहा है कि बुधवार को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में बोलते हुए अपने समर्थकों के बीच उसने यह बात कही. उसने हमले की जिम्मेदारी तो ली लेकिन अखनूर में आर्मी कैंप पर हमले के संबंध में झूठा दावा किया. दरअसल सोमवार को आतंकियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज दो किमी दूरी पर स्थित जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (जीआरईएफ) पर हमला किया और उसमें तीन मजदूरों की मौत हो गई. उस वक्त जीआरईएफ कैंप में 10 जवान और 10 मजूदर स्थित थे.
उस ऑडियो टेप में हाफिज सईद ने कहा,''जम्मू के अखनूर कैंप में दो दिन पहले ही चार युवा लड़के घुसे थे...मैं यह जो बात कह रहा हूं...यह कोई पुरानी बात नहीं है बल्कि महज दो दिन पहले की बात है.'' उसने दावा करते हुए कहा कि चार युवा लड़कों ने आर्मी कैंप में घुसकर 10 कैंपों में जवानों को ढेर कर दिया और बिना खरोंच लगे वापस लौट आए. इसे सर्जिकल स्ट्राइक कहते हैं.
पिछले सितंबर में भारतीय सेना के नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर सर्जिकल स्ट्राइक करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लक्षित करते हुए सईद ने कहा, ''यह एक झूठ है. वे दुनिया को बेवकूफ बनाने के लिए ये ड्रामा कर रहे हैं...लेकिन आपने एक मौका दिया है और हम मुजाहिदीन अब बताएंगे कि सर्जिकल स्ट्राइक क्या होता है...मैं दो दिन पहले जम्मू में सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में आपको बता रहा हूं, जहां वे दावा करते हैं कि कोई घुसने की हिम्मत नहीं कर करता. चार मुजाहिदीन कैंप में घुसे, 10 रूमों का सफाया किया और 30 जवानों को मारा. उन लड़ाकों ने कैंप को नष्ट कर दिया, जला दिया और उसके बाद सभी चारों सुरक्षित वापस लौट आए.''
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