टोक्यो:
जापान में गुरुवार को फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को ठंडा रखने के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों ने उस पर टनों पानी छिड़का जबकि 11 मार्च के विनाशकारी भूकम्प और उसके बाद उठी सुनामी में मरने वालों की संख्या पांच हजार का आंकड़ा पार कर गई है। कुदरत के इस कहर से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,178 हो गई है। जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने इस बात की पुष्टि की है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक पुलिस एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि गुरुवार को स्थानीय समय सुबह 10 बजे तक कुल 8,606 लोग लापता हैं।सबसे ज्यादा प्रभावित मियागी, फुकुशिमा और आईवेट प्रशासकीय क्षेत्रों के करीब 3,80,000 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। आपदा प्रबंधन एजेंसी और अग्निशमन विभाग का कहना है कि इस त्रासदी से एक लाख से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। बीबीसी के अनुसार सेना के सीएच-47 चिनूक हेलीकॉप्टरों ने गुरुवार सुबह 9.48 बजे फुकुशिमा के तीसरे और चौथे रिएक्टर पर टनों पानी का छिड़काव किया। इस काम में लगाए गए सेना के हेलीकॉप्टर एक बार में 7.5 टन पानी ले जा सकते हैं। इससे पहले रेडियोधर्मी विकिरण बढ़ने के कारण यह काम रोक दिया गया था। उम्मीद की जा रही है कि संयंत्र में बिजली आपूर्ति जल्द ही शुरू हो जाएगी। वेबसाइट 'बीबीसी डॉट को डॉट यूके' के मुताबिक टोक्यो पुलिस भी पानी के टैंकरों के जरिए इस काम में मदद कर रही है। इस काम को मूल रूप से काफी खतरनाक माना गया था लेकिन संयंत्र में लगातार गर्मी बढ़ने से सरकार ने ऐसा करने का फैसला किया। भूकम्प से बिजली आपूर्ति व्यवस्था भंग होने के कारण संयंत्र में प्रशीतक तंत्र (कूलिंग सिस्टम) ने काम करना बंद कर दिया था जिससे अत्यधिक गर्मी और दबाव के कारण संयंत्र के पिघलने का खतरा पैदा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख युकिओ अमानो अधिक जानकारी जुटाने के लिए जापान का दौरा कर रहे हैं। ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस ने अपने देश के नागरिकों से टोक्यो छोड़ने पर विचार करने को कहा है। सुनामी की चपेट में आए इलाकों में अब कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जिसकी वजह से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। फुकुशिमा के अधिकारियों ने बताया कि राहत शिविरों में भोजन और जरूरी वस्तुओं की कमी है।
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