
अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. मुकाबला रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump)और डेमोक्रेटिक पार्टी से मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच है. चुनाव से 4 महीने पहले शनिवार को डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ. हमले के वक्त वो पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान शूटर ने 400 फीट की दूरी से AR-15 स्टाइल राइफल से कई राउंड फायरिंग की. ट्रंप (Donald Trump Assassination Attempt)की सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर्स ने 20 साल के हमलावर को तुरंत ढेर कर दिया. फायरिंग के दौरान एक गोली ट्रंप के दाहिने कान को छूते हुए गुजरी थी. उनके कान से खून निकलती हुई तस्वीरें वायरल हो रही हैं. इस हमले के बाद ट्रंप ने पहला इंटरव्यू दिया है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मुझे यहां नहीं रहना. मुझे तो मर जाना चाहिए था, लेकिन मुझे लगता है कि मुझे भगवान ने बचा लिया."
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के लिए मिल्वौकी जाते समय न्यूयॉर्क पोस्ट को इंटरव्यू दिया. हमले को याद करते हुए ट्रंप कहते हैं, "जब मुझ पर हमला हुआ, तब सबसे हैरानी वाली बात थी कि कैसे मैंने तुरंत अपना सिर घुमाया. मैंने अगर अवैध प्रवासियों पर एक बनाई गई एक चार्ट पढ़ने के लिए अपना सिर सही समय पर और सही दिशा में नहीं घुमाया होता, तो जान जा सकती थी. ये मेरी परफेक्ट टाइमिंग थी. वरना जो गोली मेरे कान को छूकर गई, वह आसानी से मेरी जान भी ले सकती थी."
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डॉक्टरों ने बताया मेरा बचना चमत्कार जैसा
ट्रंप बताते हैं, "अस्पताल के डॉक्टर भी कह रहे थे कि उन्होंने ऐसा इससे पहले नहीं देखा. डॉक्टर इसे चमत्कार बता रहे हैं. मुझे यहां नहीं रहना चाहिए. मुझे मर जाना चाहिए था. लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि भगवान ने ही मुझे बचा लिया है. लोग कह रहे हैं कि भगवान की कृपा से मैं अभी भी यहां हूं, वरना तो मुझे यहां नहीं होना था."
हमले की तस्वीरों पर भी बोले ट्रंप
इस दौरान ट्रंप ने हमले के दौरान की उन तस्वीरों पर भी बात की, जिसमें वे अपनी मुठ्ठी उठाते हुए अपना जोश दिखा रहे थे और उनकी कान से खून निकल रहा था. ये तस्वीरें नेशनल इंटरनेशनल मीडिया में छाई हुई हैं. इन तस्वीरों पर पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "ये अब तक देखी गई सबसे प्रतिष्ठित तस्वीरे हैं. ये एक रियल फोटो है. जिसमें मैं नहीं मरा. आमतौर पर आपको एक रियल फोटो पाने के लिए मरना पड़ता है."
जूते खुलने का भी सुनाया वाकया
ट्रंप ने बताया कि वह फायरिंग के बाद रैली में स्पीच देना जारी रखना चाहते थे, लेकिन उनकी सीक्रेट सर्विस ने ऐसा करने से रोका. सीक्रेट सर्विस एजेंट्स ने बताया कि ऐसा करना सुरक्षित नहीं होगा. उन्होंने मुझे अस्पताल ले जाने पर जोर दिया. ट्रंप ने कहा, "फायरिंग के दौरान सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने मुझे घेर लिया था. इस दौरान मेरे जूते दबने से खुल गए." हमले के दौरान के एक वीडियो में ट्रंप को एजेंट्स से कहते सुना जा सकता है, "रुको. मैं अपने जूते लेना चाहता हूं."
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ट्रंप ने बताया सीक्रेट सर्विस एजेंट्स ने कैसे बचाई जान
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीक्रेट सर्विस एजेंट्स की चुस्ती और साहसिक काम के लिए उनकी तारीफ की. ट्रंप ने कहा, "सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने हमलावर को आंखों के ठीक बीच में गोली मारकर ढेर किया. हमलावर स्टेज से करीब 130 गज की दूरी पर स्थित एक बिल्डिंग की छत पर बैठा था. ट्रंप कहते हैं, "ये शानदार काम था. ऐसा निशाना हम सभी के लिए अवास्तविक है." उन्होंने कहा, "सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स मुझे कवर करते हुए पोडियम के नीचे बैठाए हुए थे."
रैली में आए लोगों में गज़ब की क्षमता
ट्रंप ने इंटरव्यू के दौरान रैली में आए लोगों की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, "फायरिंग के दौरान करीब 55 हजार लोगों का शांत रहना हिम्मत बनाए रखना... ये काबिलेतारीफ है." ट्रंप कहते हैं, "बहुत सी जगहों पर खासकर फुटबॉल मैच के दौरान एक-एक शॉट पर लोग चिल्लाने लगते हैं. लेकिन फायरिंग में इन लोगों ने पैनिक नहीं किया. इसके लिए मैं उनकी तारीफ करता हूं. मैं इन लोगों से प्यार करता हूं. ये बहुत अच्छे लोग हैं."
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ट्रंप ने बाइडेन को सराहा
इंटरव्यू के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडेन की भी तारीफ की है. उन्होंने कहा, "हमले के बाद अस्पताल ले जाने के दौरान बाइडेन ने कॉल करके हालचाल लिया था. मुझे ये अच्छा लगा."
बता दें कि ट्रंप पर हमले के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नेशनल सिक्योरिटी को रिव्यू कराने का आदेश दिया है, जिससे पता चल सके कि असल में कहा चूक हुई थी.
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