अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर शनिवार को हुए जानलेवा हमले ने सभी को हैरान कर दिया है. ट्रंप पेंसिल्वेनिया के बटलर में रैली कर रहे थे, तभी एक शूटर ने 8 राउंड फायरिंग की. इनमें से एक गोली डोनाल्ड ट्रंप के दाहिने कान को चीरते हुए निकल गई. सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने शूटर को मौके पर ही ढेर कर दिया. इस घटना की जांच पुलिस, सीक्रेट एजेंट और FBI मिलकर कर रही है. सुरक्षा बलों ने वारदात में इस्तेमाल राइफल 'AR15-स्टाइल' को बरामद कर लिया है. इस राइफल की गिनती अमेरिका के सबसे कुख्यात हथियारों में होती है.
ट्रंप से पहले भारत में राष्ट्रपति महात्मा गांधी, पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पाकिस्तान की पहली महिला पीएम बेनजीर भुट्टो की हत्या भी ऐसे ही खतरनाक हथियार से की गई थी. आइए जानते हैं गांधी, इंदिरा, बेनजीर और ट्रंप पर वार के लिए हमलावरों ने किस तरह के हथियारों का किया था इस्तेमाल:-
ट्रंप पर हमले के लिए हुए AR-15 स्टाइल राइफल का इस्तेमाल
AR-15 स्टाइल राइफल (AR 15-Style Rifle)को 'अमेरिका की राइफल' कहा गया है. यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक राइफल है और आर्मी की फाइटर M-16 राइफल से मिलती-जुलती है. आर्मलाइट नाम की कंपनी ने इसे डेवलप किया है. कहा जाता है कि वीडियो गेम के आने से यह राइफल अमेरिका में चर्चित हुई. AR-15 स्टाइल की राइफलें हल्की और कम रेंज वाली होती हैं. ये अपने टारगेट को एकदम से हिट कर सकती है. यह आमतौर पर 5.56 मिलीमीटर की गोली दागती है. इसकी रेंज 500 से 800 गज के बीच होती है.
अमेरिका के मार्केट में आसानी से खरीदी जा सकती है ये राइफल
AR-15 स्टाइल की राइफलें अमेरिका के मार्केट में आसानी से खरीदी जा सकती हैं. इस राइफल के दूसरे डिवाइस भी ईजी टू यूज़ यानी आसानी से इस्तेमाल किए जाने वाले होते हैं. लिहाजा एक बिना ट्रेनिंग लिया शख्स भी घातक निशाना लगा सकता है.
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बेरेटा पिस्तौल से हुई थी महात्मा गांधी की हत्या
अब महात्मा गांधी की हत्या की बात करते हैं. 30 जनवरी 1948 की शाम महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को गोली मारी गई थी. गोली मारने वाले शख्स का नाम नाथूराम गोडसे था. गोडसे (Nathuram Godse) ने महात्मा गांधी को जिस पिस्तौल से गोली मारी, वह सीरियल नंबर 606824 वाली 7 चैंबर की सेमी-ऑटोमेटिक M1934 बेरेटा पिस्टल (Beretta Pistol) थी. उन दिनों बेरेटा पिस्टल भारत में बहुत मुश्किल से मिलती थी. बेरेटा पिस्तौल अपने अचूक निशाने के लिए मशहूर थी.
1526 से शुरू हुआ बेरेटा पिस्तौल का निर्माण
बेरेटा बनाने वाली कंपनी ने 1526 से वेनिस में बंदूक के बैरल का निर्माण करना शुरू किया था. पहले विश्व युद्ध की शुरुआत हुई तो कंपनी ने 1915 में इटली के सैनिकों को हथियार सप्लाई करना शुरू किया. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इटली समेत कई देशों के सैनिक इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे थे.
भारत कैसे आई ये पिस्तौल?
सवाल उठता है कि बेरेटा पिस्तौल आखिर भारत कैसे आई? गोडसे ने जिस पिस्तौल से गांधी की हत्या की, वो किसकी थी... इसका पता अब तक नहीं चल पाया है. लेकिन कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पिस्तौल साल 1934 में मैन्युफैक्चर की गई थी. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1934 या 1935 में इटली आर्मी के किसी अफसर को ये पिस्तौल मिली. जब जंग में इटली की सेना को ब्रिटिश आर्मी से हार का सामना करना पड़ा, तो एक ब्रिटिश अफसर ने वॉर ट्रॉफी के रूप में वह बेरेटा पिस्तौल अपने पास रख ली.
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इंदिरा गांधी की हत्या में हुआ किस हथियार का इस्तेमाल?
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद हुई थी. 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के ही दो सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें गोलियों से भून दिया था. हत्या के लिए सर्विस रिवॉल्वर स्टेनगन का इस्तेमाल किया गया था. पहले हमलावर का नाम बेअंत सिंह और दूसरे का नाम सतवंत सिंह था. इसमें बेअंत सिंह की जवाबी फायरिंग में मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि सतवंत सिंह का इलाज चला और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद तफ्तीश की गई तो केहर सिंह और बलबीर सिंह का नाम सामने आया. केहर सिंह बेअंत सिंह का रिश्तेदार था.
इंदिरा गांधी को मारी गई थीं 31 गोलियां
31 अक्टूबर 1984 की सुबह इंदिरा गांधी अपने घर 1 सफदरजंग रोड से बगल के बंगले में अपने ऑफिस 1 अकबर रोड पर जाने को निकलीं. 1 सफदरजंग रोड से की गेट पर आते ही इंदिरा ने अपने सिक्योरिटी गार्ड को नमस्ते कहा. इतने में बेअंत सिंह ने .38 बोर की सरकारी रिवॉल्वर स्टेनगन इंदिरा गांधी पर तान दी और फायरिंग कर दी. इसके बाद एक और सिक्योरिटी गार्ड सतवंत सिंह ने भी फायरिंग कर दी. कुल 31 गोलियां इंदिरा गांधी को मारी जाती हैं. बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने इंदिरा गांधी के जमीन पर गिरने के बाद भी फायरिंग जारी रखी थी. इसी दौरान रहस्यमय तरीके से बेअंत सिंह को गोली मार दी गई और उसकी तुरंत मौत हो गई. AIIMS में इंदिरा गांधी का इलाज चला. हालांकि, उन्हें बचाया नहीं जा सका.
ब्रिटिश सबमशीन गन है स्टेन
स्टेन या स्टेनगन 9×19 मिमी चैम्बर वाली एक ब्रिटिश सबमशीन गन है. इसका इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध और कोरियाई युद्ध के दौरान ब्रिटिश और कॉमनवेल्थ फोर्स की ओर से बड़े पैमाने पर किया गया था.
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चुनावी रैली में हुई थी बेनजीर भुट्टो की हत्या
पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 27 दिसंबर 2007 को हत्या कर दी गई थी. ये मामला अभी भी लाहौर हाईकोर्ट में पेंडिंग है. बेनजीर भुट्टो अपनी मौत के वक्त तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए प्रचार कर रहीं थीं. हत्या की शाम वह रावलपिंडी से एक चुनावी रैली संबोधित कर के लौट रही थीं. तभी हमलावर बेनजीर की कार के पास आया और उनको गोली मार दी. बाद में उसने खुद को भी उड़ा लिया. भुट्टो के साथ उनकी पार्टी के 20 कार्यकर्ताओं की भी जान गई थी. करीब 71 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भुट्टो की हत्या लेजर गन से की गई थी.
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