अपने विदाई भाषण में राहील शरीफ ने 'आक्रामक रुख' अपनाने के लिए भारत को चेतावनी दी
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के निवर्तमान सेनाध्यक्ष राहील शरीफ ने मंगलवार को भारत को चेतावनी दी, 'हमारी धैर्य की नीति को कमजोरी समझना खतरनाक साबित होगा.'
सेना की मीडिया शाखा के अनुसार, राहील शरीफ राजधानी इस्लामाबाद से सटे छावनी शहर रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय में कमान परिवर्तन समारोह के दौरान बोल रहे थे.
समारोह के दौरान जनरल कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तान के 16वें सेनाध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया. समारोह में अपने विदाई भाषण में जनरल राहील शरीफ ने देश के विकास के लिए संस्थाओं के मिलकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और क्षेत्र में 'आक्रामक रुख' अपनाने के लिए भारत को चेतावनी दी. शरीफ ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान प्रत्येक निर्णय में देशहित को प्राथमिकता दी, लेकिन क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति जटिल बनी हुर्ह है.
समारोह में कुछ पूर्व सेनाध्यक्ष, संघीय मंत्री और कई देशों के राजनयिक उपस्थित थे. जनरल कमर जावेद बाजवा काफी समय तक रावलपिंडी स्थित 10 कोर कमान को अपनी सैन्य सेवाएं दे चुके हैं, जिस पर नियंत्रण रेखा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. नियंत्रण रेखा भारत और पाकिस्तान को बांटती है, लेकिन जनरल बाजवा जब 10 कोर कमान में थे, उस समय 2003 के संघर्षविराम समझौते के बाद नियंत्रण रेखा पर सापेक्षिक रूप से शांति थी.
हालांकि नियंत्रण रेखा पर भारी तनाव के बीच उन्होंने सेना की कमान संभाली है. विगत कुछ महीनों में नियंत्रण रेखा पर दोनों ओर से भारी गोलाबारी हुई. बाजवा सेना के बलूच रेजिमेंट के चौथे अधिकारी हैं, जो सेनाध्यक्ष बने हैं. उनसे पहले जनरल याहिया खान, जनरल असलम बेग और जनरल कियानी इस पद तक पहुंचे थे.
सेना की मीडिया शाखा के अनुसार, राहील शरीफ राजधानी इस्लामाबाद से सटे छावनी शहर रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय में कमान परिवर्तन समारोह के दौरान बोल रहे थे.
समारोह के दौरान जनरल कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तान के 16वें सेनाध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया. समारोह में अपने विदाई भाषण में जनरल राहील शरीफ ने देश के विकास के लिए संस्थाओं के मिलकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और क्षेत्र में 'आक्रामक रुख' अपनाने के लिए भारत को चेतावनी दी. शरीफ ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान प्रत्येक निर्णय में देशहित को प्राथमिकता दी, लेकिन क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति जटिल बनी हुर्ह है.
समारोह में कुछ पूर्व सेनाध्यक्ष, संघीय मंत्री और कई देशों के राजनयिक उपस्थित थे. जनरल कमर जावेद बाजवा काफी समय तक रावलपिंडी स्थित 10 कोर कमान को अपनी सैन्य सेवाएं दे चुके हैं, जिस पर नियंत्रण रेखा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. नियंत्रण रेखा भारत और पाकिस्तान को बांटती है, लेकिन जनरल बाजवा जब 10 कोर कमान में थे, उस समय 2003 के संघर्षविराम समझौते के बाद नियंत्रण रेखा पर सापेक्षिक रूप से शांति थी.
हालांकि नियंत्रण रेखा पर भारी तनाव के बीच उन्होंने सेना की कमान संभाली है. विगत कुछ महीनों में नियंत्रण रेखा पर दोनों ओर से भारी गोलाबारी हुई. बाजवा सेना के बलूच रेजिमेंट के चौथे अधिकारी हैं, जो सेनाध्यक्ष बने हैं. उनसे पहले जनरल याहिया खान, जनरल असलम बेग और जनरल कियानी इस पद तक पहुंचे थे.
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